- विधायक चौधरी बाबूलाल के आवास पर पहुंचे भदावर महाराज
- दोनों की मुलाकात से सियासी गलियारों में चर्चाओं ने पकड़ा जोर
जगन प्रसाद
आगरा। मिशन 2024 की तैयारियों में जुटी भाजपा द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के मिशन को फतह करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है। चुनावी तैयारियों में अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रही भाजपा अपनी केंद्र सरकार के नौ वर्ष पूरा होने के बहाने अपनी उपलब्धियों को सामने रखकर महासंपर्क अभियान के तहत संसदीय क्षेत्रों में विशाल जनसभाओं का आयोजन कर रही है।
आपको बता दें कि इसी कड़ी में आज रविवार को फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत कागारौल में आयोजित जनसभा में मुख्य अतिथि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विशिष्ट अतिथि प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मौजूद रहेंगे। समूची भाजपा जनसभा को सफल बनाने में जुटी हुई है। इससे पहले ही शनिवार शाम को हुए धमाके ने अचानक सरगर्मियां बढ़ा दी। एक दूसरे के धुर विरोधी कहे जाने वाले भदावर महाराज महेंद्र अरिदमन सिंह और विधायक चौधरी बाबूलाल की मुलाकात ने सियासी तपिश को एकदम बढ़ा दिया। किसी को कुछ मालूम भी नहीं था, भनक तब लगी जब सोशल मीडिया पर विधायक चौधरी बाबूलाल और उनके पुत्र डॉ रामेश्वर चौधरी के साथ भदावर महाराज मुस्कुराते हुए साथ दिख रहे थे। बताया जा रहा है कि इससे पहले बंद कमरे में दोनों के बीच काफी देर तक वार्ता हुई है। वार्ता का विषय क्या रहा, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। इस मुलाकात ने जिले की राजनीति में नवीन समीकरणों को हवा दे दी है।
विधायक और भदावर महाराज की अदावत रही है मशहूर
बताया जाता है कि इस मुलाकात से पहले तक भदावर महाराज और विधायक चौधरी बाबूलाल को एक दूसरे का धुर विरोधी माना जाता था। जिले की राजनीति में अनेकों बार दोनों एक दूसरे के सामने आ चुके हैं। अतीत में दोनों में जमकर आरोप प्रत्यारोप भी हुए हैं। विधायक चौधरी बाबूलाल जब सांसद थे तो उन्होंने भदावर महाराज की पत्नी रानी पक्षालिका के चुनाव प्रचार में जाने से साफ इंकार कर दिया था। इससे पहले जब भदावर महाराज जब सपा का झंडा थामे हुए थे तो चौधरी बाबूलाल ने तत्कालीन सत्ताधारियों के खिलाफ मोर्चा भी संभाला था।
मुलाकात के तलाशे जाने लगे सियासी निहितार्थ
भदावर महाराज और विधायक चौधरी बाबूलाल की इस मुलाकात के बाद सत्ताधारी भाजपा में उठापटक होना तय है। महाराजा भदावर का सियासी कद किसी से छिपा नहीं है। खुद प्रतिष्ठित राजघराने से ताल्लुक रखने वाले महाराजा भदावर के बड़े सियासी राजघरानों से नजदीकी रिश्ते हैं। भाजपा में भी उनकी बेहद सम्मानजनक स्थिति रही है। अप्रत्यक्ष रूप से उनकी निगाहें आगामी लोकसभा चुनावों की तरफ टिकी हुई हैं। उधर दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद विधायक की टिकट हासिल करने वाले विधायक चौधरी बाबूलाल की निगाहें भी एक बार फिर लोकसभा की तरफ टिकने लगी हैं। यह अभी भविष्य के गर्भ में है कि मौजूदा सांसद की टिकट बरकरार रहेगी या किसी अन्य को मिलेगी। उससे पहले जोर आजमाइश का खेल शुरू हो गया है।