- बिना सर्वे और चक्रानुक्रम आरक्षण की अनदेखी का भी लगाया आरोप
- पूर्व चेयरमैन की आपत्ति का वायरल पत्र बना चर्चा का विषय
मनीष अग्रवाल
आगरा (किरावली)। बीते दिनों काफी दिनों की कशमकश के बाद उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग द्वारा नगर निकाय की सीटों का आरक्षण घोषित किया था। इस कड़ी में किरावली नगर पंचायत अध्यक्ष पद को पिछड़ा वर्ग महिला के लिए निर्धारित किया गया। घोषित आरक्षण पर जब आपत्तियां मांगी गयी तो कस्बे के वयोवृद्ध पूर्व चेयरमैन मुरारीलाल अग्रवाल ने प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए अधिशासी अधिकारी किरावली पर सनसनीखेज और गंभीर आरोप लगाते हुए घोषित आरक्षण पर सवाल उठाए हैं।
मुरारीलाल अग्रवाल के अनुसार विगत 9 जनवरी 2023 को जारी किए गए आदेश के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के सम्बंध में सर्वे कराकर आंकड़े मांगे गए थे। उसी आधार पर ही अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण दिया जाना संभव था, लेकिन नगर पंचायत किरावली द्वारा इस सम्बंध में जमीनी स्तर पर कोई सर्वे नहीं हुआ।
अधिशासी अधिकारी ने 2017 के त्रुटिपूर्ण आंकड़े बिना सर्वे के और बिना वार्डवार के शासन और आयोग के समक्ष प्रस्तुत कर दिए। मुरारीलाल अग्रवाल द्वारा इस मामले में विस्तृत तथ्यों के साथ दर्ज करायी आपत्ति में बताया है कि वर्तमान में घोषित हुए आरक्षण से चक्रानुक्रम आरक्षण का भी घोर उल्लंघन हुआ है। अध्यक्ष पद 2012 में पिछड़ा वर्ग, 2017 में महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुआ। उसके हिसाब से वर्तमान आरक्षण सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होना चाहिए था।
जनसंख्या के गलत आंकड़े कर दिए प्रस्तुत
मुरारीलाल अग्रवाल के अधिवक्ता पुत्र विनोद अग्रवाल ने बताया कि जिलाधिकारी आगरा द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या का प्रतिशत 50.45 लिखकर प्रारूप 1 और 2 पर शासन को प्रेषित कर दिया गया। इसमें नगर पंचायत के वार्ड 1 व 2 में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या भी गलत लिखी गयी है, जिसमें उनका प्रतिशत 52.60 दिखाया गया है, जो कि पूरी तरह निराधार है। इस मामले में विगत में हुई शिकायतों को भी नजरअंदाज करते हुए कोई कार्रवाई अमल में नहीं लायी गयी।
एसडीएम भी सर्वे की प्रति उपलब्ध नहीं करायी
अधिवक्ता विनोद अग्रवाल ने तहसील प्रशासन की भूमिका को भी कटघरे में खड़ा किया है। विनोद अग्रवाल ने बताया कि विगत में एसडीएम किरावली से नगर निकाय निर्वाचन हेतु नगर पंचायत किरावली की अन्य पिछड़ा वर्ग की 2022-2023 की जनसंख्या की करायी गयी सर्वे की प्रति उपलब्ध कराने की लिखित में मांग की थी। इस सम्बंध में तहसील प्रशासन का कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला।