- प्रतिदिन औसतन 10-12 मीटर तैयार होंगी टनल
- रामलीला ग्राउंड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज करेंगे टनल निर्माण कार्य का शुभारंभ
आगरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को टनल बोरिंग मशीन ‘यमुना’ के जरिए आगरा मेट्रो के भूमिगत भाग में टनल निर्माण कार्य का शुभारंभ करेंगे। आगरा मेट्रो के भूमिगत भाग में गंगा-यमुना नामक टीबीएम के जरिए टनल का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री रामलीला ग्राउंड स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट पहुंचेंगे। इसके बाद वे टनल निर्माण कार्य के शुभारंभ के कार्यक्रम स्थल पहुंचकर रिंग सेगमेंट पर हस्ताक्षर करेंगे। बाद में मुख्यमंत्री पूजा अर्चना व बटन दबाकर टनल निर्माण कार्य का शुभारंभ करेंगे।
बता दें कि यूपी मेट्रो द्वारा आगरा मेट्रो के भूमिगत भाग में अप एवं डाउन ट्रैक हेतु दो समानांतर सुरंगों का निर्माण किया जाना है। सोमवार को टीबीएम यमुना द्वारा पहली के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया जायेगा।
कहाँ से कहाँ तक है टीबीएम रूट
टीबीएम को रामलीला मैदान से लॉन्च किया जाएगा (जिसे आम भाषा में ‘लांचिंग शाफ़्ट’ कहा जाता है) और ताजमहल स्टेशन की ओर बढ़ेगा। शाहजहाँ गार्डन में ‘मिड शाफ़्ट’ का प्रयोजन दिया गया है, ताकि किसी भी आपातकाल स्थिति में बीच में ही टीबीएम को आसानी से निकाला जा सके।
इसके साथ ही ताजमहल के आगे, पुरानी मंडी चौराहे के पास ‘रिट्रीवल शाफ़्ट’ ( जहां से टीबीएम को निकाला जाएगा) का निर्माण किया जा रहा है।
इसी तरह दूसरी टीबीएम आरबीएस कॉलेज मेट्रो स्टेशन से नीचे उतारी जाएगी (लांचिंग शाफ़्ट) और जामा मस्जिद स्टेशन के पास निकाली जायेगी, यानी रेट्रीवल शाफ़्ट वहीं स्थित होगी ।
फिलहाल, टीबीएम गंगा-यमुना के जरिए प्रायोरिटी कॉरिडोर में जामा मस्जिद से ताजमहल की दिशा में टनल का निर्माण किया जायेगा। प्रायोरिटी कॉरिडोर में ताजमहल, आगरा किला एवं जामा मस्जिद भूमिगत मेट्रो स्टेशन होंगे।
ऐसे होता है मेट्रो टनल का निर्माण
टनल निर्माण की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में पूरी की जाती है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले टीबीम की लॉन्चिंग हेतु एक लॉन्चिंग शाफ्ट का निर्माण किया जाता है। इस बाद क्रेन की मदद से टनल बोरिंग मशीन के विभिन्न भागों को लॉन्चिंग शाफ्ट में उतार कर उन्हें असेम्बल किया जाता है। असेंबल होने के बाद टीबीएम के जरिए सुरंग निर्माण का काम शुरू किया जाता है। इस दौरान टीबीएम के पिछले हिस्से में स्थित सेगमेंट इरेक्टर की मदद से कास्टिंग यार्ड में प्रीकास्ट तकनीक से निर्मित टनल रिंग सेगमेंट्स को लगाया जाता है। एक टीबीएम दिन में औसतन 10 मीटर टनल का निर्माण करती है।
टनल बोरिंग मशीन विभिन्न हिस्सों में विभाजित होती है। टीबीएम के सबसे अग्रिम भाग फ्रंट शील्ड में कटिंग हैड होता है, जिसकी मदद टीबीएम मिट्टी को काटते हुए सुरंग की खुदाई की करती है। कटिंग हैड में एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यावस्था होती है, जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉज़ल के द्वारा मिट्टी पर छिड़का जाता है। इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हैड पर नहीं चिपकती और आसानी मशीन में लगी कनवेयर बेल्ट की मदद मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है, जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिए में भेज दिया जाता है।
इसके साथ ही मशीन के पिछले हिस्से में प्रीकास्ट रिंग सेगमेंट को लॉन्च करने की व्यवस्था भी होती है। टनल निर्माण के दौरान रिंग सेगमेंट लगाने के बाद टीबीएम द्वारा ही रिंग सेगमेंट एवं मिट्टी के बीच में ग्राउटिंग स़ोल्यूशन भर दिया जाता है, जो कि रिंग सेगमेंट्स और मिट्टी के बीट मजबूत जोड़ स्थापित कर टनल को मजबूती प्रदान करता है। टीबीएम के मिड शील्ड में लगे थ्रस्टर्स मशीन को आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए कालिंदी विहार क्षेत्र में डिपो का निर्माण किया जाएगा।