Agra News : चंबल नदी के मध्य प्रदेश सीमा में संदिग्ध परिस्थितियों में विशाल मगरमच्छ की मौत, कारण नही स्पष्ट

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

आगरा (पिनाहट)। चंबल नदी का क्षेत्र धौलपुर से पंचनदा तक चंबल सेंचुरी कई वर्ष पूर्व घोषित किया गया था। जिसमें विश्व विलुप्त प्राय: जलीय जीव घड़ियाल और मगरमच्छ सहित निम्न प्रकार के जलीय जीव विचरण करते हैं।

चंबल का साफ वातावरण होने के चलते बीते कई वर्षों से वन विभाग की देखरेख में घड़ियाल और मगरमच्छों का चंबल नदी में संरक्षण हो रहा है। जिससे दोनों दिन इनका कुनबा बढ़ता चला जा रहा है। विश्व विलुप्त प्राय घड़ियाल और मगरमच्छों देखने के लिए देश और विदेश से भारी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। जो जलीय जीव पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं। मगर रविवार को पिनाहट-उसैथ चंबल नदी घाट पर मध्य प्रदेश सीमा में एक विशाल मगरमच्छ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया। सूचना पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सीमा चंबल सेंचुरी क्षेत्र के वनकर्मी मौके पर पहुंचे और मामले में जानकारी कर वन विभाग के उच्चाधिकारियों को मामले में सूचित किया। साथ ही वनकर्मी जांच में जुट गए के आखिर मगरमच्छ की मौत कैसे हुई है। इसका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है फिलहाल वन विभाग के अधिकारियों के पहुंचने के बाद मामले की जानकारी की गई है और मृतक मगरमच्छ के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही कारण स्पष्ट होगा कि आखिर विशाल मगरमच्छ की मौत कैसे हुई है।

See also  आगामी विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के अंदर नई ऊर्जा का संचार करेगी अरविंद केजरीवाल जी की रिहाई - पंडित सिद्धार्थ चतुर्वेदी

आपको बता दें पूर्व में भी चंबल नदी में कई मगरमच्छ और घड़ियालों की मौत हो चुकी है। वन विभाग कर्मियों के मुताबिक आपस में जलीय जीवो के लड़ने के कारण भी मौत स्वभाविक है। बीमारी फैलने से भी मौत होने से इनकार नहीं किया जा सकता। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पूरी तरह से कारण स्पष्ट हो सकेगा। ग्रामीणों को मगरमच्छ दिखा था जिसकी सुचना उन्होंने उन्होंने उसेथ घाट पर तैनात वनकर्मी बहादुर सिंह को दी , उन्होंने मोके पर जाकर देखा और उच्च अधिकारिओ को अवगत कराया उनके बाद पहुंची टीम ने शव का पोस्टमार्डम करके अंतिम संस्कार किया गया .

See also  ऑपरेशन मुस्कान के तहत खोए हुए बच्चों को माता-पिता से मिलवाया

See also  42 दिन में टूटने की कगार पर नेपाल गठबंधन, कभी भी गिर सकती है प्रचंड सरकार ?
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.