‘भाजपा को वोट देना पड़ रहा महंगा’, ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी
कागारौल (आगरा)। कागारौल रोड पर स्थित प्राचीन मंदिर और धर्मशाला की जमीन पर कथित अवैध कब्जे के प्रयास ने इलाके में आक्रोश फैला दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि सुरेशचंद और उनके परिवार के लोग जबरन मंदिर की जमीन पर कब्जा करने के उद्देश्य से बिजली कनेक्शन करा रहे हैं।इस संबंध में कुशवाहा समाज के लोगों ने कागारौल बिजलीघर पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने एसडीओ और जेईई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि मंदिर और धर्मशाला की जमीन को बचाने के लिए वे हरसंभव लड़ाई लड़ेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि भाजपा सरकार में प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार चरम पर है, जिससे अब धार्मिक स्थलों की जमीन भी सुरक्षित नहीं रह गई है।
ग्रामीणों के आरोप –
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर परिसर में बने शौचालय और बाथरूम, जो महंत हरिओम दास और सीता राम के नाम से बने हैं, उन्हीं स्थानों पर अवैध रूप से बिजली कनेक्शन कराया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि मंदिर की संपत्ति है और इस मामले में न्यायालय में मामला विचाराधीन है। इसके बावजूद, दक्षिणांचल विद्युत विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से बिजली कनेक्शन जारी कर दिया गया।
बार-बार की शिकायत के बावजूद कनेक्शन जारी –
ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले में कई बार विद्युत विभाग के सहायक अभियंता (एसडीओ) नितिन महेश्वरी और अवर अभियंता (जेईई) को शिकायत दी गई थी। यहां तक कि भौतिक निरीक्षण भी कराया गया था, लेकिन विभागीय मिलीभगत के कारण अवैध कनेक्शन जारी किया गया।
प्रशासन को अल्टीमेटम –
ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि अवैध कनेक्शन को जल्द ही निरस्त नहीं किया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि धार्मिक स्थलों की जमीन पर कब्जे की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो समाज में अशांति फैला सकती हैं।
अधिकारी का बयान –
इस संबंध में सहायक अभियंता नितिन महेश्वरी ने कहा कि प्रकरण का संज्ञान लिया गया है। सभी साक्ष्यों की जांच की जा रही है और अवैध कनेक्शन को जल्द ही निरस्त किया जाएगा।
ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करे ताकि भविष्य में किसी भी धार्मिक स्थल की जमीन पर अवैध कब्जे की घटनाएं न हों।