आगरा: पुलिस ने समाज में हिंदुत्ववादी का चोला ओढ़कर दहशत फैलाने और आर्थिक लाभ कमाने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है। इस गैंग के सरगना जितेंद्र कुशवाहा सहित कुल नौ सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत बड़ी कार्रवाई की गई है। इन पर जिले के विभिन्न थानों में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गैंग में अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट का नाम भी शामिल है।
कैसे फैलाते थे आतंक और करते थे वसूली?
पुलिस के अनुसार, यह गैंग सुनियोजित तरीके से समाज में भय पैदा करता था। थाना एत्माद्दौला के प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र दुबे ने बताया कि गैंग के सदस्य मंदिरों में गाय का मांस फेंककर एक समुदाय विशेष में दहशत पैदा करते थे। इसके बाद, कार्रवाई का डर दिखाकर उन्हीं लोगों से अवैध वसूली करते थे। इस तरह के कई प्रकरण आगरा के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं।
जितेंद्र कुशवाहा, जो कि गढ़ी चांदनी यमुनापार क्षेत्र का निवासी है, इस गैंग का सरगना है। साल 2023 में इसने थाना एत्मादुद्वौला क्षेत्र के एक मंदिर में नवरात्रों के दौरान गाय का मांस फेंककर सनसनी फैलाई थी। इसका खुलासा सीसीटीवी फुटेज से हुआ था।
गैंगस्टर एक्ट के तहत इन 9 पर कार्रवाई
एत्माद्दौला पुलिस ने जिन 9 आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की है, उनमें शामिल हैं:
* जितेंद्र कुशवाहा (सरगना, निवासी गढ़ी चांदनी यमुनापार)
* संजय जाट (निवासी मुस्तफा क्वाटर्स, थाना सदर) – अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता
* ब्रजेश भदौरिया (निवासी देवरी रोड, थाना सदर)
* सौरभ शर्मा (निवासी अलबतिया, थाना जगदीशपुरा)
* शानू कुरैशी (निवासी सैयदपाड़ा, थाना लोहामंडी)
* इमरान कुरैशी (निवासी आलमगंज, थाना लोहामंडी)
* शहनवाज (निवासी अलबतिया रोड, थाना जगदीशपुरा)
* नदीम (निवासी सैयदपाड़ा, थाना लोहामंडी)
* शानू (निवासी मुरली नगर, थाना लोहामंडी)
पुलिस के मुताबिक, ये सभी बदमाश मिलकर समाज में भय पैदा करते थे और फिर लोगों से अवैध वसूली करते थे।
ताजमहल विरोध प्रदर्शन और वसूली का तरीका
गैंग में शामिल संजय जाट, ब्रजेश भदौरिया, सौरभ शर्मा और जितेंद्र कुशवाहा खुद को अखिल भारत हिंदू महासभा का सदस्य बताते हैं। संजय जाट तो अपने आप को राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में पेश करता है। ये लोग मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए ताजमहल को ‘तेजोमहालय’ बताकर विरोध प्रदर्शन भी करते रहे हैं। ऐसे कई मामलों में गैंग के सदस्य पुलिस की नजर में आए हैं।
पुलिस का कहना है कि हिंदुत्ववादी की छवि बनाकर ये शातिर लोग ऐसे गौकशों से भी संबंध रखते थे जो मीट का कारोबार करते हैं। ये उन पर दबाव बनाकर उनसे वसूली करते थे। कई मामलों में इन्हें वसूली करते हुए रंगे हाथों पकड़ा भी गया है।
संजय जाट का पुराना आपराधिक इतिहास
संजय जाट का नाम कई चर्चित मामलों में सामने आ चुका है। नाम न छापने की शर्त पर संजय जाट के एक परिचित ने बताया कि पिता की मौत के बाद संजय जाट को बैंक में नौकरी मिली थी, लेकिन वह अपने राजनीतिक रसूख के चलते नौकरी पर नहीं जाता था, जबकि बैंक से तनख्वाह लेता था। इसके अलावा, वह कई मामलों में जेल से जमानत पर बाहर चल रहा है। उसके साथी सौरभ शर्मा और ब्रजेश भदौरिया भी कई मामलों में वांछित हैं।
शराब के ठेके से वसूली का मामला
हाल ही में, 1 अप्रैल, 2025 को थाना एत्माद्दौला में संजय जाट, जितेंद्र कुशवाहा और दो महिलाओं समेत अन्य लोगों ने शराब की दुकानों को बंद कराने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था। आरोप है कि इसके बाद संजय जाट और उसकी महिला सदस्यों ने दुकानदार से एक लाख रुपये की चौथ (रंगदारी) मांगी थी। दुकानदार ने 50 हजार रुपये दे भी दिए थे, लेकिन जब फिर से 1 लाख रुपये की मांग की गई, तो मामला दर्ज हुआ और 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस मामले में भी वे सभी जमानत पर रिहा होकर आए हैं। इनमें से एक आरोपी एक-दो दिन बाद ही फिर से वसूली के एक अन्य मामले में थाना शाहगंज में नामजद हो गया था।
पुलिस का यह पर्दाफाश समाज में धर्म के नाम पर गलत गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।