आगरा। जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रथम एवं द्वितीय समायोजन में समायोजित शिक्षकों ने जिला प्रशासन से शिकायत की है। शिक्षकों का आरोप है कि विधिवत ऑनलाइन प्रक्रिया (एनआईसी) के माध्यम से हुए समायोजन के छह माह बाद भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा समायोजन निरस्त कराने का दबाव बनाया जा रहा है।
शिक्षकों के अनुसार सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश के क्रम में 1 जुलाई 2025 को प्रथम समायोजन ऑनलाइन प्रक्रिया से संपन्न हुआ था, जिसमें कार्यमुक्ति, कार्यभार ग्रहण एवं विद्यालय आवंटन पूरी तरह पोर्टल के माध्यम से किया गया। इसके बाद अगस्त 2025 में द्वितीय समायोजन की प्रक्रिया भी पूर्ण हो चुकी है। इसके बावजूद अब तृतीय समायोजन की आड़ में पूर्व में समायोजित शिक्षकों को उनके पुराने विद्यालयों में भेजने का प्रयास किया जा रहा है।शिकायत में कहा गया है कि रिक्त पदों को भरने के लिए नए सिरे से स्थान खाली कराए जा रहे हैं तथा शिक्षकों पर वेतन अवरुद्ध करने, आईडी ट्रांसफर कराने और निलंबन की धमकी दी जा रही है। कुछ शिक्षकों से कथित तौर पर डराकर वसूली किए जाने की भी बात सामने आई है। छह माह बीत जाने के बाद भी वेतन संबंधित ब्लॉक एवं विद्यालय से आहरित किया जा रहा है, जबकि कई शिक्षक पंचायत, BLO एवं SIR जैसे महत्वपूर्ण कार्य शासन निर्देशानुसार कर रहे हैं।शिक्षकों ने यह भी बताया कि इस प्रक्रिया के खिलाफ लगभग 50 शिक्षकों को माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त हो चुका है। यदि शेष शिक्षकों के साथ भी न्यायसंगत व्यवहार नहीं किया गया तो वे भी न्यायालय की शरण लेने को बाध्य होंगे।समायोजित शिक्षकों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि समायोजन 3.0 की प्रक्रिया को नियमानुसार लागू कराया जाए तथा पूर्व में हुए प्रथम और द्वितीय समायोजन की यथास्थिति बनाए रखने के स्पष्ट निर्देश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिए जाएं।
