आलू की चौड़ाई और प्रबंधन पर विशेषज्ञों से मार्गदर्शन
कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को आलू की चौड़ाई बढ़ाने और उसके उपरांत प्रबंधन के बारे में जानकारी प्रदान करना था, ताकि वे बेहतर तरीके से आलू की खेती कर सकें और अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। विशेषज्ञों ने आलू की उत्पादकता बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक विधियों, खेतों में पानी की उचित आपूर्ति, मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के उपायों और आलू की पैदावार के बाद उचित देखभाल की तकनीकों पर गहन जानकारी दी।
केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम के वैज्ञानिकों ने आलू के पौधों की चौड़ाई बढ़ाने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की, जबकि सीपीआई कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने आलू के उत्पादन से लेकर उसकी कटाई, भंडारण और विपणन तक के प्रबंधन के हर पहलू पर प्रकाश डाला। जिला उद्यान अधिकारी ने किसानों को सरकार द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी के बारे में जानकारी दी।
किसानों को दी गई योजनाओं की जानकारी
कार्यक्रम के दौरान किसानों को विभिन्न कृषि योजनाओं के बारे में बताया गया, जिनसे वे आलू की खेती में बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। इसके अलावा, कृषि विपणन निर्यात निदेशालय के अधिकारियों ने आलू के विपणन और निर्यात में आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर भी प्रकाश डाला।
प्रशिक्षण में किसानों की सक्रिय भागीदारी
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 80 किसानों ने हिस्सा लिया, जो विभिन्न गांवों से आए थे। किसानों ने विशेषज्ञों से आलू की खेती और प्रबंधन के बारे में सवाल पूछे और उनके समाधान प्राप्त किए। इस दौरान किसानों को बेहतर खेती के लिए नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
आगरा में कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम
यह कार्यक्रम कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। कृषि विज्ञान केंद्र, आगरा द्वारा आयोजित इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने में मदद मिलती है, जिससे उनकी पैदावार बढ़ती है और लागत कम होती है।