आगरा: आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहाँ एक पीड़ित परिवार ने सिकंदरा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित के परिजनों का कहना है कि पुलिस एक व्यक्ति को हिरासत में लेने की बात कर रही है, जबकि खुद पीड़ित ने एक आरोपी को पुलिस हिरासत में देखा है। इसके बावजूद, पुलिस बाकी सभी आरोपियों के फरार होने का दावा कर रही है। पीड़ित परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस उनकी FIR (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज नहीं कर रही है, जिससे वे न्याय के लिए भटक रहे हैं।
आरोप और संदेह: बोलेरो और आवास विकास परिषद का कनेक्शन?
मामले में सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि घटना में शामिल कथित आरोपियों की गाड़ी एक बोलेरो बताई जा रही है, जो आवास विकास परिषद की प्रतीत होती है। इस बात को लेकर पीड़ित परिवार में गहरा संदेह है कि क्या इस मामले में कोई बड़ा प्रभाव काम कर रहा है, जिसके चलते पुलिस उचित कार्रवाई से पीछे हट रही है। पीड़ित ने साफ तौर पर कहा है कि उसने एक व्यक्ति को पुलिस हिरासत में देखा है, लेकिन पुलिस बार-बार कह रही है कि सभी आरोपी फरार हो गए हैं।
न्याय के लिए थाने पर डटा परिवार, पुलिस का असहयोगात्मक रवैया
पीड़ित के परिजन न्याय की गुहार लगाते हुए सिकंदरा थाने पर लगातार मौजूद हैं। उनका कहना है कि पुलिस उनसे सहयोग नहीं कर रही है और उनकी शिकायत को भी गंभीरता से नहीं ले रही है। FIR दर्ज न होने से वे कानूनी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं। इस स्थिति ने पीड़ित परिवार को गहरे सदमे और निराशा में डाल दिया है।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
यह मामला सिकंदरा पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यदि पीड़ित की बात में सच्चाई है और पुलिस जानबूझकर FIR दर्ज नहीं कर रही है या आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है, तो यह कानून के राज के लिए एक चिंताजनक स्थिति है। किसी सरकारी विभाग से जुड़ी गाड़ी का इस तरह के मामले में संलिप्त होना भी जांच का विषय है।
उच्चाधिकारियों से अपील
पीड़ित परिवार ने अब जिला पुलिस के उच्चाधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप करने और न्याय दिलाने की अपील की है। उन्होंने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो, आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए और उनकी FIR तुरंत दर्ज की जाए। इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।