आगरा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क विभाग द्वारा सोमवार को खंदारी परिसर स्थित शिवाजी मंडपम में एक भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें रानी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जयंती के अवसर पर ‘परिवार व्यवस्था का मेरूदंड-भारतीय नारी’ विषय पर चर्चा की गई। इस आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, पद्मश्री लोक गायिका मालिनी अवस्थी, डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी, और विभाग संघ संचालक राजन चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। संगोष्ठी में शहर की 1200 महिलाएं उपस्थित थीं, जिन्होंने रानी अहिल्याबाई के जीवन और संघर्षों से प्रेरणा ली।
रानी अहिल्याबाई के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. कृष्ण गोपाल का संबोधन
मुख्य वक्ता डॉ. कृष्ण गोपाल ने संगोष्ठी के दौरान कहा, “भारत ने 1100 वर्षों तक आक्रमणों का सामना किया, लेकिन हमारी संस्कृति कभी नष्ट नहीं हुई। यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।” उन्होंने आगे कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन हमें प्रेरित करता है कि राष्ट्र की गौरव और सम्मान को पुनः स्थापित करने के लिए राष्ट्रभक्ति और सनातन धर्म का प्रचार अत्यंत आवश्यक है। रानी अहिल्याबाई ने अपने व्यक्तिगत कोष से 200 से अधिक मंदिरों, घाटों और धार्मिक स्थलों का निर्माण कर भारतीय संस्कृति और धर्म को मजबूत किया।
डॉ. कृष्ण गोपाल ने भारतीय नारी की भूमिका को सशक्त बताया और कहा कि आज की महिलाएं केवल घर ही नहीं संभाल रही हैं, बल्कि वे लड़ाकू विमान भी उड़ा रही हैं। उन्होंने पुरुषों को भी परिवार की जिम्मेदारी बांटने की सीख देने की आवश्यकता पर बल दिया।
मालिनी अवस्थी का संदेश: समाज के विघटन को रोकने के लिए ‘हम दो हमारे दो’ के खिलाफ चेतावनी
लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने अपने संबोधन में कहा कि “आज भारतीय समाज ‘हम दो हमारे दो’ के सिद्धांत पर चल रहा है, जो आने वाले समय में रिश्तों के विघटन का कारण बनेगा।” उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो हमारे बच्चों के पास न तो मामा-मामी, न ताऊ-ताई, और न ही चाचा-चाची जैसे रिश्ते होंगे। परिवार के विभाजन के साथ-साथ समाज भी टूट जाएगा।
मालिनी अवस्थी ने नारी शक्ति को सशक्त करते हुए यह भी कहा कि भारतीय महिलाएं स्वतंत्रता संग्राम से लेकर समाज और राष्ट्र हित में हर संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ी हैं।
नारी शक्ति का उत्सव
पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने अपने गीत “प्रीतम चलूं तुम्हारे संग जंग में, पकड़ूँगी तलवार” के माध्यम से नारी शक्ति का एहसास दिलाया। उन्होंने बताया कि हमारे देश की नारी ने हमेशा समाज और राष्ट्रहित के लिए संघर्ष किया है, चाहे वह स्वाधीनता संग्राम हो या कोई और आंदोलन।
रानी अहिल्याबाई होल्कर पर आधारित प्रदर्शनी
कार्यक्रम में रानी अहिल्याबाई होल्कर की जीवनी पर आधारित एक शोध प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। प्रदर्शनी में उनके जीवन की प्रेरणात्मक घटनाओं को दर्शाया गया और उनके विचारों को साझा किया गया। मनीष अग्रवाल रावी और डॉ. अनुराधा ने प्रदर्शनी के बारे में जानकारी दी।
नाटिका में रानी अहिल्याबाई का जीवन
संगोष्ठी के दौरान रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर आधारित एक नाटिका का मंचन भी किया गया, जिसे दीपक जैन ने निर्देशित किया। नाटिका में रानी अहिल्याबाई के संघर्ष और राष्ट्र निर्माण की प्रेरणादायक कथा को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राकेश गर्ग, मेयर हेमलता दिवाकर, क्षेत्र कार्यवाहक डॉ. प्रमोद शर्मा, क्षेत्र सह संपर्क प्रमुख डॉ. हरीश रौतेला, प्रांत प्रचारक धर्मेंद्र, प्रांत प्रचार प्रमुख केशव, और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन का कार्य देवेंद्र त्यागी ने किया।