फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि महाशिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा वैदिक ब्राह्मणों द्वारा की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत को करने से अनंत पुण्य फल की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहितों के विवाह के योग बनते हैं। आचार्य राहुल भारद्वाज ने बताया कि इस साल महाशिवरात्रि पर दुर्लभ शिव योग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव और माता पार्वती का रूद्राभिषेक वैदिक ब्राह्मणों द्वारा कराने से भगवान शिव की विशेष कृपा होती है। व शिव पूजन करने से करोड़ों गुना फल की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च को रात्रि 9:57 बजे पर आरंभ होगी और 9 मार्च को शाम 6:17 बजे पर समाप्त होगी। पञ्चांग गणना के अनुसार महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का समय प्रदोष काल में शाम 06 बजकर 25 मिनट से 09 बजकर 28 मिनट तक है। 09:28 बजे से लेकर 12:31 बजे तक 12:31से 2:42 तक और 2:42 से 4:17 तक रहेगा। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की विद्वान ब्राह्मणों द्वारा रुद्राभिषेक षोडश उपचार से पूजन किया जा सकता है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग, सिद्धि योग और कुंभ राशि में सूर्य, शनि, बुध का युति संबंध रहेगा। जो बेहद शुभ फलदायी माना जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महाशिवरात्रि पर बन रहे शुभ योग में अगर राशि अनुसार उपाय किए जाएं तो भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं और जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति भी मिलती है।
शिव योग में 8 मार्च को मनाई जाएगी महाशिवरात्रि ज्योतिषाचार्य पंडित राहुल भारद्वाज

प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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