जलेसर, एटा :उत्तर प्रदेश के जलेसर जनपद स्थित सन्त सरकार के क्षेत्र में स्थित एक हजारों वर्ष पुराना प्राचीन मंदिर इन दिनों संकट के घेरे में है। यह ऐतिहासिक धार्मिक स्थल जलेसर बाईपास के किनारे स्थित है, और हाल ही में यह असामाजिक तत्वों के निशाने पर आ गया है। स्थानीय श्रद्धालुओं और समाजसेवियों का आरोप है कि इस मंदिर को क्षतिग्रस्त करने की साजिश रची जा रही है, लेकिन प्रशासन अब तक मूकदर्शक बना हुआ है।
इस मंदिर की सुरक्षा और जीर्णोद्धार की मांग को लेकर प्रोफेसर आशीष यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंडलायुक्त अलीगढ़ को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन इस प्राचीन धार्मिक स्थल की रक्षा नहीं कर सकता, तो इसे भारत सरकार के पर्यटन विभाग को सौंप दिया जाए, ताकि इसका उचित संरक्षण हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
मंदिर की सुरक्षा को लेकर चिंतित श्रद्धालु
स्थानीय लोग और श्रद्धालु इस मंदिर को केवल एक धार्मिक स्थल के रूप में नहीं देखते, बल्कि इसे एक ऐतिहासिक धरोहर मानते हैं। उनका कहना है कि मंदिर की उपेक्षा प्रशासन द्वारा नहीं की जानी चाहिए। इस मंदिर की सुरक्षा को लेकर कई बार शिकायतें भी प्रशासन तक पहुंचाई गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्रोफेसर आशीष यादव ने इस गंभीर मुद्दे पर कदम उठाते हुए जनहित में पत्र लिखकर इस पर प्रशासन से तत्काल कार्यवाही की मांग की।
मंदिर के जीर्णोद्धार की आवश्यकता
प्रोफेसर आशीष यादव ने कहा, “यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक धरोहर भी है। इसे संरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। अगर प्रशासन इस ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा और जीर्णोद्धार नहीं कर सकता, तो इसे भारत सरकार के पर्यटन विभाग को सौंप देना चाहिए, ताकि इसे संरक्षित किया जा सके और भविष्य में इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिशों को रोका जा सके।”
प्रशासन ने शुरू की कार्यवाही
प्रोफेसर आशीष यादव की पहल के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए मंदिर के आस-पास के क्षेत्र को साफ कर दिया। कर्मचारियों द्वारा जेसीबी से कूड़ा करकट हटाकर जगह को साफ किया गया। इसके साथ ही, प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर किसी ने फिर से वहां कूड़ा डाला, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
स्थानीय नागरिकों की आवाज़
स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से जल्द से जल्द कार्यवाही की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि अगर इस ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, तो न केवल धार्मिक आस्था को चोट पहुंचेगी, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी नष्ट हो सकती है। नागरिकों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।