एत्मादपुर तहसील के गांव सवाई में स्थित एक कब्रिस्तान और उसमें मौजूद दो सूफी संतों की दरगाह को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की गई है। पहले तो दरगाहों पर ताला लगा दिया गया, फिर कटीले तार बाउंड्री के खंभे उखड़ दिए गए। स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है, जिससे असामाजिक तत्वों के हौसले बढ़ गए हैं।
एत्मादपुर तहसील के गांव सवाई में स्थित एक कब्रिस्तान लगभग 100 वर्ष पुराना है। इस कब्रिस्तान में कच्ची-पक्की और चूने की कब्रें मौजूद हैं। कब्रिस्तान परिसर में ही दो सूफी संतों की दरगाह भी बनी हुई है। हर शनिवार और बुधवार को हिंदू-मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोग इन दरगाहों पर चिरागी-बत्ती और चादरपोशी करने आते हैं।
बीते 17 सितंबर, 2023 को क्षेत्र का माहौल खराब करने के मकसद से असामाजिक तत्वों ने दरगाहों पर ताला लगा दिया। ग्राम प्रधान सुमित कांत ने पुलिस को सूचना देकर तालों को खुलवाया।
पुलिस प्रशासन से बेखौफ असामाजिक तत्वों ने दोबारा से 18 सितंबर की रात को दरगाहों पर ताला लगा दिया। इतना ही नहीं, बीती गुरुवार की रात को दरगाह परिसर की कटीले तार बाउंड्री के खंभे उखड़ दिए गए।
यह पूरा मामला शासन-प्रशासन के संज्ञान में है, बावजूद इसके प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इससे असामाजिक तत्वों के हौसले बढ़ गए हैं।
पीड़ित कब्रिस्तान एवं दरगाह संरक्षक करीम खान ने बताया कि गांव के ही कुछ लोग बाहरी लोगों को बुलाकर हंगामा खड़ा करना चाहते हैं। उन्हें अपनी और अपने परिवार की जान का खतरा है।
फिलहाल देखना होगा कि क्या समय रहते हुए प्रशासन अपनी कुंभकरण नींद से जागेगा और इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगा, या फिर देवरिया जैसा जघन्य कांड फिर से होगा।