आगरा: आगरा नगर निगम में निर्माण कार्यों की फाइलों में फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) लगाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर अधिकारी लगातार कार्रवाई की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर ठेकेदार अधिकारियों को गुमराह कर धड़ल्ले से फर्जी एफडी का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस नए मामले ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं.
फर्जीवाड़े का नया मामला: जयंती प्रसाद जैन फर्म पर आरोप
नगर निगम में आए दिन ऐसे फर्जी मामले सामने आते रहते हैं, जो निगम के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं. कुछ समय पहले भी निर्माण कार्यों की फाइल में फर्जी एफडी का मामला सामने आया था, जिस पर अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए दोषी फर्म के खिलाफ ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई की थी. लेकिन, इसके बावजूद ठेकेदारों द्वारा यह फर्जीवाड़ा बंद नहीं किया गया.
ताजा मामला जयंती प्रसाद जैन फर्म से जुड़ा है. इस फर्म ने पहले किसी और कार्य में कलर्ड एफडी का इस्तेमाल किया था, और अब उसी कलर्ड एफडी को निर्माण कार्यों की नई फाइल में लगा दिया. जैसे ही यह मामला चीफ इंजीनियर और अधिशासी अभियंता के संज्ञान में आया, उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए फर्म को ब्लैकलिस्ट करने के लिए नगर आयुक्त को पत्र लिख दिया है.
पार्षद के रिश्तेदार की फर्म पर संदेह
बताया जा रहा है कि यह फर्म एक पार्षद के रिश्तेदार की है. सूत्रों के अनुसार, यह पार्षद भी नगर निगम में अच्छी पकड़ वाले माने जाते हैं. इस बात से संदेह होने लगा है कि इस फर्म के खिलाफ नगर आयुक्त कोई कड़ी कार्रवाई करेंगे या नहीं.
अब देखना यह होगा कि इस ताजा फर्जीवाड़े को लेकर नगर आयुक्त क्या कड़ा एक्शन लेते हैं, जिससे भविष्य में कोई और फर्जीवाड़ा करने की हिम्मत न कर सके. फिलहाल, अगर ठेकेदारों द्वारा लगाई गई सभी एफडी की गहन जांच की जाए, तो ऐसे कई और मामले सामने आ सकते हैं, जो निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे.
क्या नगर निगम इस ‘फर्जीवाड़े’ के चक्र को तोड़ने में सफल हो पाएगा?