लखनऊ/हांगकांग: अहमदाबाद में हाल ही में हुए भीषण विमान हादसे और केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश की घटनाओं के बाद, अब हांगकांग और लखनऊ से सामने आई चिंताजनक खबरों ने विमान सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। सोमवार को हांगकांग से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की एक फ्लाइट को तकनीकी गड़बड़ी के संदेह में बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा, वहीं लखनऊ एयरपोर्ट पर सऊदी अरब के एक विमान में लैंडिंग के वक्त एक बड़ा हादसा टल गया। इन लगातार होती घटनाओं ने यात्रियों के मन में भय का माहौल बना दिया है।
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-315 हांगकांग वापस लौटी
हांगकांग से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-315 को बीच रास्ते से ही वापस हांगकांग एयरपोर्ट लौटना पड़ा। उड़ान के दौरान पायलट को विमान में कुछ तकनीकी गड़बड़ी का संदेह हुआ। यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, पायलट ने तुरंत विमान को वापस हांगकांग ले जाने का निर्णय लिया। इस विमान में बड़ी संख्या में भारतीय यात्री भी सवार थे, जो अब हांगकांग एयरपोर्ट पर विमान की तकनीकी जांच पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं।
लखनऊ एयरपोर्ट पर सऊदी विमान में बड़ा हादसा टला
उधर, सोमवार सुबह लखनऊ एयरपोर्ट पर एक बड़ा विमान हादसा टल गया। सऊदी अरब के एक विमान की लैंडिंग के दौरान उसके एक पहिए से अचानक चिंगारी और धुआँ उठने लगा। विमान में लगभग 250 यात्री सवार थे। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और ग्राउंड स्टाफ की त्वरित प्रतिक्रिया और तत्परता के कारण सभी यात्रियों को विमान से सुरक्षित निकाल लिया गया, जिससे एक बड़ा हादसा होते-होते बचा।
लगातार घटनाओं से बढ़ी चिंता, उड्डयन सुरक्षा पर सवाल
इन दोनों घटनाओं से ठीक पहले, देश में विमानन सुरक्षा को लेकर कई गंभीर मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था, और अहमदाबाद में एक ड्रीमलाइनर विमान के रिहायशी इलाके में गिरने से भारी जनहानि हुई थी। लगातार हो रही इन घटनाओं से हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के मन में स्वाभाविक रूप से भय का माहौल बन गया है।
नागरिक उड्डयन सुरक्षा प्रणाली (Civil Aviation Security System) पर अब गंभीर सवाल उठने लगे हैं। इन सभी मामलों की डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा उच्च स्तरीय जांच की जा रही है। देश भर में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर अब नागरिक उड्डयन क्षेत्र की राष्ट्रव्यापी समीक्षा की मांग भी जोर पकड़ रही है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और यात्रियों का विश्वास बहाल हो सके।