आगरा: अजीत नगर बाजार कमेटी ने क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं को लेकर नगर आयुक्त का ध्यान आकर्षित किया है। कमेटी के अध्यक्ष राजेश यादव ने नगर आयुक्त को व्हाटऍप के माध्यम से प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला है, जिसमें नगर निगम की कार्यप्रणाली और अधिकारियों के व्यवहार पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। यह शिकायत महज एक शिकायत नहीं, बल्कि तिरंगा चौक को विश्व प्रसिद्ध बनाने वाले व्यापारियों की पीड़ा का बयान है।
सुलभ शौचालय की तोड़फोड़ और खुले में शौच की मजबूरी
कमेटी ने सबसे पहले पुलिस चौकी के सामने निर्मित सुलभ शौचालय का मुद्दा उठाया, जिसे पुलिस चौकी द्वारा कथित तौर पर तुड़वा दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, बाजार के सभी दुकानदारों को अब खेतों में खुले में शौच करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
राजेश यादव ने बताया कि इस संबंध में अनेक बार शिकायतें की गईं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। यह स्थिति न केवल स्वच्छता के मानकों का उल्लंघन है, बल्कि व्यापारियों के स्वास्थ्य और सम्मान को भी प्रभावित कर रही है।
जलभराव और कूड़ा निस्तारण की गंभीर समस्या
अजीत नगर के व्यापारियों ने निजूल के खेतों में भारी जलभराव की समस्या पर भी चिंता व्यक्त की है। कमेटी का कहना है कि अभी भी पंप चलाकर खेतों में पानी भरवाया जाता है, जिससे बदबू और मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। इसके अतिरिक्त, नगर निगम द्वारा खेतों में डाले जाने वाले कूड़े को प्रतिदिन शाम को जलाया जाता है, जिससे वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा हो रहे हैं।
अनियमित कर्मचारी व्यवस्था और भ्रष्टाचार के आरोप
कमेटी ने नगर निगम के कर्मचारियों की उपस्थिति और कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। राजेश यादव के अनुसार, वार्ड नंबर 31 में रजिस्टर के अंदर 43 कर्मचारी दर्ज हैं, लेकिन प्रतिदिन केवल 9 मजदूरों से ही कार्य कराया जाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तिरंगा चौक और मार्केट में प्राइवेट मजदूरों से काम करवाकर उन्हें नकद भुगतान दिया जाता है। यह स्थिति अनियमितताओं और संभावित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है।
शिकायत तंत्र की विफलता और अधिकारियों का गैर-जिम्मेदाराना रवैया
शिकायतों के निपटान में SFI (सैनिटरी इंस्पेक्टर) के गैर-जिम्मेदाराना रवैये को भी उजागर किया गया है। कमेटी का कहना है कि अनेक बार शिकायतें की गईं, लेकिन उनका जवाब होता है कि “शिकायत करने से कुछ भी नहीं होता, आप कहीं भी जाएं और शिकायत करें।” यह टिप्पणी नगर निगम के शिकायत तंत्र की विफलता और अधिकारियों की जवाबदेही की कमी को दर्शाती है। इसके अतिरिक्त, सैनिटरी इंस्पेक्टर के व्यवहार को भी असंतोषजनक बताया गया है।
अवैध वसूली और पॉलिथीन का मुद्दा
सब्जी मंडी में प्रति ठेले/धकेल वाले से ₹200 प्रति माह पॉलिथीन चलाने के लिए नगर निगम द्वारा लिए जाने का आरोप भी लगाया गया है। कमेटी ने इसका विरोध भी किया है। यह व्यापारियों पर अतिरिक्त बोझ डालने वाला और नगर निगम की नीतियों के खिलाफ प्रतीत होता है।
VVIP रोड पर सफाई व्यवस्था का अभाव
VVIP रोड पर रात्रि कालीन सफाई व्यवस्था बंद होने के कारण दुकानदार स्वयं अपने पैसे से सफाई करने को मजबूर हैं। यह स्थिति इस बात का प्रमाण है कि नगर निगम अपनी बुनियादी जिम्मेदारियों को भी निभाने में विफल रहा है।
तिरंगा चौक: व्यापारियों की मेहनत और नगर निगम की उदासीनता
राजेश यादव ने स्पष्ट किया है कि यह केवल शिकायत नहीं, बल्कि उन व्यापारियों की पीड़ा है जिन्होंने अपनी मेहनत से अजीत नगर के इस चौराहे को विश्व प्रसिद्ध तिरंगा चौक बनाया है। उन्होंने नगर आयुक्त से अपील की है कि वे इन बातों पर विश्वास न करके, अपने अधिकारियों द्वारा स्वयं जांच करवाएं और विभागीय कार्रवाई करें, ताकि किसी का मनोबल डाउन न हो। यह मामला नगर निगम के लिए अपनी कार्यप्रणाली की समीक्षा करने और जनता के प्रति अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करने का एक अवसर है।