आगरा, उत्तर प्रदेश। कौशांबी जिले में एक ब्राह्मण परिवार के साथ हुए कथित अत्याचार के मामले ने तूल पकड़ लिया है। ब्राह्मण महासभा भारत ने इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया है और न्याय की मांग की है। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. अजय तिवारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को आगरा कलेक्ट्रेट में स्थानीय प्रशासन को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में पूरे मामले की एसआईटी (SIT) जांच कराए जाने की मांग की गई है।
झूठे मुकदमे और आत्महत्या का आरोप
ज्ञापन में ब्राह्मण महासभा ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि धन्नो तिवारी को एक झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेज दिया गया है, और उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाए। साथ ही, धन्नो तिवारी के पिता रामबाबू तिवारी की आत्महत्या की निष्पक्ष जांच कराने की भी मांग की गई है।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मांग रखी कि पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता दी जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।
पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग, पॉक्सो एक्ट के दुरुपयोग का आरोप
ब्राह्मण महासभा ने इस मामले में चौकी इंचार्ज पथराया सैनी सहित दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग उठाई है। महासभा का कहना है कि धन्नो तिवारी पर पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत दर्ज मामला दुर्भावनापूर्ण है, जिससे ब्राह्मण समाज में भारी रोष व्याप्त है। उनका मानना है कि इस मामले में पुलिस ने निष्पक्षता से काम नहीं किया।
ज्ञापन सौंपने वालों में पं. कैलाश नारायण मिश्रा, पं. मनोज शर्मा, पं. आरती शर्मा, संजय शर्मा, नरेंद्र उपाध्याय, नागेंद्र उपाध्याय, लोकेंद्र दुबे, सतीश पंडित, लाखन पंडित, अरविंद मिश्रा, डॉ. राजेश शर्मा, शैलेंद्र शर्मा, सी. पी. शर्मा, महेश चंद दुबे, नीरज शर्मा, वेदप्रकाश पाठक सहित 50 से अधिक विप्र बंधु उपस्थित रहे।
ब्राह्मण महासभा ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही न्यायोचित कार्रवाई नहीं की गई, तो इस मुद्दे पर प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में गरमाता दिख रहा है, और प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है कि वह इस पर गंभीरता से ध्यान दे।