आगरा: मुनाफे के लिए बिल्डरों ने किया हरियाली का ‘कत्ल’, वन विभाग की कार्रवाई पर उठे सवाल

Laxman Sharma
4 Min Read
आगरा: मुनाफे के लिए बिल्डरों ने किया हरियाली का 'कत्ल', वन विभाग की कार्रवाई पर उठे सवाल

आगरा: थाना जगदीशपुरा क्षेत्र के अंतर्गत अलकापुरी चौकी इलाके में हरे-भरे वृक्षों को बेरहमी से काटने का मामला सामने आया है। कृष्णापुरी क्षेत्र में बिल्डर केदारनाथ और मुकेश यादव पर बिना अनुमति के अर्जुन, अल्स्टोनिया, अशोक समेत कई कीमती पेड़ों को कटवाने का आरोप है। यह घटना तब सामने आई है जब इसी क्षेत्र में पहले भी इसी तरह के वृक्षों को काटे जाने के मामले सामने आ चुके हैं, जिस पर वन विभाग की कार्रवाई सवालों के घेरे में है।

अलकापुरी चौकी क्षेत्र में हरियाली का कत्ल कोई नई बात नहीं है। इससे पहले 31 जनवरी को शकुंतला नगर और फिर पूरनपुरी में भी हरे-भरे वृक्ष काटे गए थे। इन मामलों में वन विभाग ने कार्रवाई तो की, लेकिन केवल 12 लोगों में से सिर्फ दो पर ही गाज गिरी। सवाल यह उठता है कि बाकी 10 लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इस अधूरी कार्रवाई ने कहीं न कहीं बिल्डरों और अन्य लोगों को और अधिक पेड़ काटने का हौसला दिया है।

See also  सांथा पुरातत्व स्थल संरक्षण केस: अगली सुनवाई 18 जुलाई को

ताजा मामला कृष्णापुरी क्षेत्र का है, जहां बिल्डर केदारनाथ और मुकेश यादव ने मिलकर हरे-भरे वृक्षों को कटवा दिया। काटे गए पेड़ों में अर्जुन, अल्स्टोनिया, अशोक और अन्य महत्वपूर्ण प्रजातियां शामिल हैं। नियमों के अनुसार, इस प्रकार के वृक्ष बिना वन विभाग की अनुमति के नहीं काटे जा सकते। यह और भी गंभीर है क्योंकि काटे गए वृक्ष 29 विशेष प्रजातियों की श्रेणी में आते हैं, जिनके कटान पर पहले से ही सख्त नियम लागू हैं।

 

नियम यह कहता है कि प्रत्येक वृक्ष काटने के एवज में दो वृक्ष लगाने और उनके संरक्षण का प्रस्ताव होना चाहिए। अब तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पौधारोपण की संख्या बढ़ाकर प्रति वृक्ष 10 कर दी है। इसके बावजूद, अलकापुरी चौकी क्षेत्र में लगातार पेड़ों का काटा जाना वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।

See also  अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अक्षत वितरण अभियान शुरू

क्षेत्रीय पार्षद पुत्र गोगा मौर्य और अन्य जागरूक नागरिकों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल वन विभाग और क्षेत्रीय पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब वन विभाग द्वारा हरे-भरे वृक्ष काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई होती भी है, तो भी ऐसे कौन से लोग हैं जो लगातार हरियाली का कत्ल करने पर तुले हुए हैं? आगरा शहर में ऐसे कई बड़े बिल्डर और अन्य लोग हैं जो मोटे मुनाफे के लिए हरियाली को नष्ट कर रहे हैं, और कई मामलों में वन विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है। अलकापुरी क्षेत्र में बार-बार हो रही ऐसी घटनाएं वन विभाग की कार्यप्रणाली और इच्छाशक्ति पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती हैं। अब देखना यह है कि कृष्णापुरी मामले में वन विभाग क्या कार्रवाई करता है और क्या पिछली अधूरी कार्रवाई से सबक लेते हुए इस बार सभी दोषियों पर शिकंजा कसा जाएगा?

See also  सांथा पुरातत्व स्थल संरक्षण केस: अगली सुनवाई 18 जुलाई को
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement