सुमित गर्ग,अग्रभारत
आगरा-भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा आज ईशान कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग फरह, मथुरा में शिक्षक दिवस पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय शिक्षण मंडल, दिल्ली प्रांत के संगठन मंत्री , श्री गणपति जी ने अपना उद्बोधन दिया। इस उद्बोधन में उन्होंने बताया कि किस प्रकार से भारतीय शिक्षा को अंग्रेजों ने अपने अधीन कर लिया और भारत को सैकड़ो वर्ष पीछे कर दिया। आज जो इतिहास पढ़ाया जाता है वह निश्चित रूप से अंग्रेजों एवं मुगलो का दिया हुआ है, यह भारतीय इतिहास का विकृत रूप है। आज आवश्यकता यह है कि अपने बच्चों को हम शुद्ध भारतीय इतिहास पढ़ाएं और उन्हें इतिहास की महान विभूतियों से परिचित करायें । यहां के प्राचीन गौरव से उनका परिचय करायें, जिससे कि वे एक सच्चे भारतीय होकर के निकल सकें । आज डिग्री कॉलेज से और यूनिवर्सिटी से भी निकाल कर के छात्र भारत के विरोध में खड़ा हो जाता है इसका एकमात्र कारण यही है कि उसकी शिक्षा दीक्षा ऐसे वातावरण में हुई है जो कि भारतीय है ही नहीं।
इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल के डॉ नरेश तोमर ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि वे बच्चों को अपनी भारतीय परंपराओं से परिचित करायें। इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल की आगरा महानगर की जिला मंत्री श्रीमती नीलिमा शर्मा भी उपस्थित रहीं।कार्यक्रम में आगंतुकों का स्वागत करते हुए कॉलेज के निदेशक डॉक्टर पंकज शर्मा जी एवं कुलसचिव एस के सिंह ने कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल जिस तरह से भारतीय इतिहास लेखन में अपना योगदान दे रहा है वह निश्चित रूप से अनुकरणीय है। कार्यक्रम के अंत में आगंतुकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। ध्येय श्लोक श्रीमती नीलिमा शर्मा तथा ध्येय वाक्य श्रीमती अनुराधा गुप्ता ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संयोजन विनय गुप्ता ने किया जबकि कार्यक्रम का संचालन दाऊजी अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम में कुणाल गर्ग, मानसी वर्मा और अपूर्वा वर्मा का योगदान रहा।इस अवसर पर श्री आरके विश्वकर्मा डीन एकेडमिक्स, श्री शैलेंद्र गौतम डीन, स्टूडेंट वेलफेयर ,फैज अली शाह, डीन रिसर्च,सभी विभागाध्यक्ष और सभी शिक्षक गणों ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।