नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने रूह अफजा शरबत को ‘शरबत जिहाद’ बताने वाले योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए उन्हें अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया है। जस्टिस अमित बंसल की अदालत ने सुनवाई के दौरान यह सख्त रुख अपनाया और कहा कि प्रथम दृष्टया बाबा रामदेव अदालत के पिछले आदेश की भी अवमानना कर रहे हैं।
अदालत हमदर्द की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बाबा रामदेव की ‘शरबत जिहाद’ वाली टिप्पणी को चुनौती दी गई है। स्वामी रामदेव के वकील को संबोधित करते हुए जस्टिस बंसल ने तीखी टिप्पणी की कि ऐसा लगता है जैसे बाबा रामदेव पर किसी का नियंत्रण नहीं है और वह अपनी अलग ही दुनिया में रहते हैं। यह टिप्पणी तब आई जब हमदर्द के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट के पहले के आदेश के बावजूद बाबा रामदेव ने उसी अंदाज में एक नया वीडियो जारी किया है।
इससे पहले, बाबा रामदेव के वकील राजीव नैयर ने हाईकोर्ट को सूचित किया था कि आपत्तिजनक वीडियो हटा दिए जाएंगे और उन्होंने भविष्य में ऐसी टिप्पणी न करने का हलफनामा भी दायर करने की बात कही थी। हालांकि, नया वीडियो सामने आने के बाद अदालत ने नाराजगी जताई।
शरबत विवाद के बाद स्वामी रामदेव ने विवादास्पद बयान दिया था कि उन्होंने तो किसी का नाम भी नहीं लिया, लेकिन रूह अफजा वालों ने खुद ही अपने ऊपर ‘शरबत जिहाद’ ले लिया, जिसका सीधा मतलब है कि वे यह ‘जिहाद’ कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को भी दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव के इस बयान पर कड़ी नाराजगी जताई थी और जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने इसे अक्षम्य और अदालत की अंतर्रात्मा को झकझोर देने वाला बताया था। कोर्ट ने इसे सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाला और नफरत फैलाने वाला माना था। उस समय रामदेव के वकील ने कोर्ट को विवादित वीडियो सोशल मीडिया से हटाने का आश्वासन दिया था।