आगरा: आगरा के प्रमुख व्यापारिक केंद्र संजय प्लेस में अतिक्रमण की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। फुटपाथों पर दुकानदारों का कब्जा और सड़कों पर बेतरतीब ढंग से खड़े वाहन, राहगीरों और व्यापारियों दोनों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन गए हैं। इस गंभीर स्थिति के लिए नगर निगम के अतिक्रमण प्रभारी पर खानापूर्ति और भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं।
विश्व स्तरीय बिजनेस प्वाइंट पर अव्यवस्था का आलम
संजय प्लेस, जो कि पूरे विश्व से व्यापारिक संपर्क के लिए जाना जाता है, आज चारों ओर से अतिक्रमण से घिरा दिखाई देता है।
छोटे दुकानदार जहाँ फुटपाथों पर अपना रोजगार चला रहे हैं, वहीं बड़े दुकानदार भी फुटपाथ घेरने में पीछे नहीं हैं, जिसके चलते फुटपाथ लगभग गायब हो गए हैं।
सड़कों पर भी बेतरतीब ढंग से खड़ी गाड़ियाँ यातायात को बाधित करती हैं, जिससे यहाँ आने वाले लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
नगर निगम के अतिक्रमण प्रभारी पर गंभीर आरोप
जब इस संबंध में संजय प्लेस के व्यापारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नगर निगम का प्रवर्तन दल दलबल के साथ आता तो है, लेकिन कभी भी अतिक्रमण को सख्ती से हटाने की कोशिश नहीं करता।
व्यापारियों का आरोप है कि या तो ये अभियान भ्रष्ट नीति के चलते सफल नहीं होते, या फिर अतिक्रमण प्रभारी के अधीनस्थ ही कहीं न कहीं इस अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं।
यह भी सामने आया है कि अतिक्रमण प्रभारी के अलावा कई अन्य नगर निगम के कर्मचारी संजय प्लेस में तैनात रहते हैं, लेकिन वे भी केवल खानापूर्ति करते नजर आते हैं, जिससे दिनोंदिन अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है।
ढाबे और तंदूर भी फुटपाथ पर
अतिक्रमण का आलम यह है कि संजय प्लेस के फुटपाथों पर सामान के अलावा बाकायदा ढाबे चलाए जा रहे हैं। यही नहीं, कुछ जगहों पर तो कोयले के तंदूर भी संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इनको कौन संरक्षण दे रहा है और किस लालच में ये चल रहे हैं।
यह स्थिति स्मार्ट सिटी के दावों पर सवालिया निशान लगाती है और नगर निगम के अधिकारियों की घोर लापरवाही को उजागर करती है।
महापौर से हस्तक्षेप की मांग, प्रभारी अधिकारी ने जानकारी देने से किया इनकार
जब इस संबंध में अतिक्रमण प्रभारी एवं नगर पशु कल्याण अधिकारी अजय सिंह यादव से दूरभाष पर बात की गई, तो उन्होंने साफ कहा कि फोन पर जानकारी नहीं दी जा सकती, कार्यालय में आकर जानकारी दी जाएगी। यह मुख्यमंत्री के उन सीधे आदेशों का उल्लंघन है, जिनमें अधिकारियों को जनता से जुड़ी समस्याओं की जानकारी दूरभाष पर भी देने के लिए बाध्य किया गया है।
अब यह देखना होगा कि महापौर हेमलता कुशवाहा इस जनहित से जुड़ी गंभीर समस्या पर कब ध्यान देती हैं, ताकि आम आदमी को राहत मिल सके। अन्यथा की स्थिति में यह प्रमुख बिजनेस मार्केट अतिक्रमण से परेशान होकर अपनी साख खोता रहेगा।