विश्व दिव्यांगता दिवस पर चहके दृष्टिबाधित बच्चों के चेहरे

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

आवासीय दृष्टिबाधित विद्यालय ने मनाया विश्व दिव्यांगता दिवस समारोह
आगरा। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतरराष्ट्रीय  विश्व दिव्यांगता दिवस पर आवासीय दृष्टिबाधित विद्यालय द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके मुख्य अतिथि  हर्ष ऑटोमोबाइल के प्रबंध निदेशक सौरभ अग्रवाल थे।
विशिष्ट अतिथि   मुरालीलाल गोयल( संस्थापक/अध्यक्षा- सेवा आगरा (रजि°), बृजेश बघेल (चेयरमैन- के°डी°एस° बघेल डिग्री कॉलेज,आगरा),  सुधीर अरोड़ा (निदेशक-सागर अरोड़ा विमल प्रिंटर्स,शीतला गली, आगरा),  प्रो.आर.के. भारती (डॉ. बी. आर. अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा), श्रीमती कुसुम मिड्ढा  (अध्यक्षा- श्री बांके बिहारी मानव सेवा समिति,आगरा),  श्रीमती कल्पना बंसल, विपिन बंसल, श्यामवीर सिंह समाजसेवी देश-विदेश तक जाने -माने कवियों में वरिष्ठ कवि डॉ.  राजेन्द्र मिलन, साहित्य भूषण सुशील सरित, अमेरिका प्रवासी कवयित्री डॉ.शशि गुप्ता, छंदशास्त्री प्रेम सिंह राजावत, उदगार विशेषज्ञ प्रकाश गुप्त बेबाक, उदीयमान कवि विनय बंसल आदि ने समसामयिक रचनाओं का पाठ कर आमंत्रित अतिथियों का ज्ञानार्जन किया ।  कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के अध्यक्ष राकेश कबीर जी  ने की अतिथियों के द्वारा सर रॉबर्ट लुई ब्रेल एवं मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन व पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया l कार्यक्रम का संचालन स्वामी प्रताप सिंह बघेल (सचिव) ने किया |  अतिथियों का स्वागत,  विद्यालय के अध्यापक फिरोज आलम, कल्याण सिंह, सुरेंद्र पाल, जाकिया बानो अध्यापिका ने  किया सरस्वती वंदना  एवं स्वागत गीत दृष्टि दिव्यांग छात्र छात्राओं के द्वारा प्रस्तुत  किया गया |  विद्यालय का परिचय अध्यापक कल्याण सिंह ने दिया |  अध्यापक फिरोज आलम ने  प्रकाश डालते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय विश्व दिव्यांगता दिवस इसलिए मनाया जाता है कि  हर साल 3 दिसंबर को समूची दुनिया में `विश्व दिव्यांग दिवस´ मनाया जाता है | इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद है-दिव्यांगों के प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना | हर साल इस दिन दिव्यांगों के विकास,उनके कल्याण के लिए योजनाओं,समाज में उन्हें बराबरी के अवसर मुहैया करने पर गहन विचार विमर्श किया जाता है |
हर वर्ष दुनिया के तमाम देशों में 3 दिसंबर को दिव्यांगों के उत्थान, उनके  स्वास्थ्य व सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं| दिव्यांगता को समाज में आज भी एक कलंक के तौर पर देखा जाता है| यह दिवस ऐसे में लोगों में दिव्यांगता मामले की समझ बढ़ाने, दिव्यांगजनों के सामाजिक सम्मान की स्थापना, उनके अधिकारों एवं कल्याण पर ध्यान केंद्रित कराने के उद्देश्यो हेतु बहुत ही अहम है |
विश्व दिव्यांग दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र आम सभा (UNO) ने 1981 को दिव्यांग व्यक्तियों का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया था| इसके बाद  क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांग लोगों के लिए पुनरुद्धार,रोकथाम, प्रचार और बराबरी के मौको पर जोर देने के लिए एक योजना का निर्माण किया गया | संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1983 से 1992 को दिव्यांगों के लिए संयुक्त राष्ट्र के दशक की घोषणा की थी  इसके बाद 1992 से 3 दिसंबर विश्व दिव्यांग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा |
विश्व विकलांग दिवस का महत्व
` विश्व विकलांग दिवस´ का महत्व  तब बढ़ जाता है, जब बात विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की आती है | यही एक ऐसा दिन होता है, जब विकलांग व्यक्तियों के कल्याण की बातें की जाती है | समाज में हो रही उपेक्षा और उन्हें  हीन भावना से देखे जाने वाली बातों पर अंकुश लगाने के लिए यह दिन खास अहमियत रखता है | विद्यालय द्वारा लाभार्थी दृष्टिबाधित  कर्मचारियों को  अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया जिसमें अनीता यादव, अनीता व्यास हरपाल सिंह, गवर्नर सिंह, जयकरण आदि उपस्थित रहे| कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के अध्यक्ष राकेश कबीर ने अगुंतकों का आभार जताया।

See also  आगरा :एक्सीडेंट में घायल गौवंश को बजरंग दल ने पहुंचाया "अपना घर"

 

See also  आगरा कॉलेज के दो शिक्षकों का दो माह से नहीं है कोई अता-पता, प्राचार्य ने कॉलेज में प्रस्तुत होने के दिये निर्देश, दी चेतावनी
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement