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सीएम हाउस में पोस्टिंग का झांसा देकर बेरोजगारों से ₹50 लाख की ठगी, फर्जी नियुक्ति आदेश थमाया

Saurabh Sharma
3 Min Read
सीएम हाउस में पोस्टिंग का झांसा देकर बेरोजगारों से ₹50 लाख की ठगी, फर्जी नियुक्ति आदेश थमाया

बिलासपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर एक बड़े धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। दुर्ग और अंबिकापुर के दो जालसाजों ने छह बेरोजगार युवक-युवतियों से 50 लाख रुपये ठग लिए हैं। आरोपियों ने खुद को सीएम हाउस में पोस्टिंग और ऊंची पहुंच वाला बताकर बेरोजगारों को अपने झांसे में लिया था।

फर्जी नियुक्ति आदेश थमाया, पुलिस में शिकायत दर्ज

लगभग एक साल तक इंतज़ार करवाने के बाद, ठगों ने पीड़ितों को सहायक अभियंता का फर्जी नियुक्ति आदेश भी थमा दिया। जब उन्हें इस धोखाधड़ी का एहसास हुआ, तो पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

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तोरवा थाना क्षेत्र के हेमूनगर की मोनिषा सिंह ने पुलिस को बताया कि उनकी पहचान सुरेश साहू और खिलेश्वरी साहू के माध्यम से दुर्ग निवासी प्रिया देशमुख और अंबिकापुर निवासी रजत गुप्ता से हुई थी। प्रिया खुद को स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी बताती थी, जबकि रजत गुप्ता ने खुद को सीएम हाउस में पदस्थ होने का दावा किया था। दोनों ने मिलकर पीड़ितों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया।

₹50 लाख की वसूली और बहानेबाजी

शिकायत के अनुसार, प्रिया और रजत ने मोनिषा के साथ-साथ उनके परिचितों संतोष कुमार, गौतम बाई, आकाश शर्मा, ज्योतिष और श्यामादेवी को लैब परिचारक, भृत्य और सीएसईबी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उन्होंने अलग-अलग किश्तों में कुल ₹50 लाख की वसूली की। पीड़ितों ने यह रकम नकद, बैंक खाते में ट्रांजेक्शन और रिश्तेदारों के माध्यम से दी थी।

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पैसों के लेन-देन के लिए आरोपी 25 अक्टूबर 2023 से 21 सितंबर 2024 के बीच चंदेला नगर, रजिस्ट्री ऑफिस, तितली चौक और गांधी चौक जैसी जगहों पर आए थे। पीड़ितों को दुर्ग भी बुलाया गया था, जहां आरोपियों ने उनसे पैसे लिए।

जमीन-जेवर बेचकर दिए पैसे, अब न्याय की गुहार

बेरोजगारों ने सरकारी नौकरी मिलने की उम्मीद में अपनी जमीन और जेवर बेचकर या कर्ज लेकर यह बड़ी रकम आरोपियों को दी थी। शिकायत में बताया गया है कि न तो किसी को नौकरी मिली और न ही उनके पैसे लौटाए गए। इस दौरान दोनों आरोपी लगातार बहाने बनाते रहे। जब पीड़ितों ने नौकरी के लिए दबाव बनाया, तो उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। नियुक्ति पत्र के फर्जी होने की जानकारी मिलने पर, पूरे मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में की गई।

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सिविल लाइन थाना के टीआई एसआर साहू ने बताया कि पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश की जा रही है।

 

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