नई दिल्ली: Samajwadi Party (SP) नेता और पूर्व राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने 19 फरवरी को ‘राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी’ (BSP) नाम से अपनी नई पार्टी का गठन किया। उन्होंने पार्टी का झंडा भी लॉन्च किया, जिसमें नीला, लाल और हरा रंग शामिल है। 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रैली करते हुए मौर्य पार्टी के एजेंडे और लक्ष्यों का खुलासा करेंगे।
मौर्य का सपा से मोहभंग
हाल ही में, मौर्य ने सपा में उपेक्षा का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी 85 बनाम 15 के नारे को निष्प्रभावी कर रही है और दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के हितों की उपेक्षा कर रही है।
नई पार्टी का एजेंडा
‘राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी’ का मुख्य उद्देश्य दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देना होगा। मौर्य ने कहा कि पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
सपा पर क्या होगा असर
मौर्य के सपा छोड़ने और ‘राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी’ के गठन से सपा को निश्चित रूप से झटका लगा है। खासकर, उत्तर प्रदेश में, जहां मौर्य का दलित समुदाय में काफी प्रभाव है। 2024 के लोकसभा चुनावों में यह नई पार्टी सपा के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
मौर्य ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर दलित विरोधी नीति का आरोप लगाया है। सपा ने मौर्य को मनाने के लिए वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी को उनके घर भेजा था। मौर्य ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी’ 2024 के लोकसभा चुनावों में सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि ‘राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी’ कितनी सफल होगी। 22 फरवरी को मौर्य की रैली और पार्टी के घोषणापत्र से यह स्पष्ट होगा कि पार्टी का भविष्य क्या होगा।