नदियों की निर्मलता का संदेश देता है गंगा दशहरा पर्व: डॉ दीपिका उपाध्याय

Sumit Garg
3 Min Read

आगरा-‘सनातन संस्कृति के सभी पर्व और त्योहार प्रकृति के संरक्षण का संदेश स्वयं में समेटे हैं। गंगा दशहरा स्नान दान ही नहीं बल्कि नदियों की स्वच्छता और उनकी अविरल धारा से जुड़ा है। हम नदियों की रक्षा करें, उनमें साबुन आदि रासायनिक पदार्थ ना डालें, उन्हें प्रदूषित न करें,यही संदेश देता है गंगा दशहरा।’ गंगा की निर्मलता पर बल देते हुए कथावाचक डॉ दीपिका उपाध्याय ने उक्त प्रवचन कहे।
गुरुदीपिका योगक्षेम फाउंडेशन के तत्वावधान में श्रीगोपालजी धाम, दयालबाग में चल रही त्रिदिवसीय कथा का आज दूसरा दिन था।

दूसरे दिन मां गंगा को प्रदूषित होने से बचाने का संदेश देते हुए कथावाचक ने कहा कि गंगा एक नदी या जलराशि मात्र नहीं है। यह परम पूज्य नदी मनुष्य की उद्धारक है। नारद पुराण का उद्धरण देते हुए उन्होंने बताया कि सरस्वती नदी का जल 3 माह में, यमुना का 7 माह में, नर्मदा का 10 माह में और गंगा जी का जल मानव देह में वर्ष भर में पचता है। यानी जब तक हमारी देह में गंगाजल के कण रहते हैं तब तक वह हमें पवित्र करती है।
हमारा यह दायित्व बनता है कि इस देवनदी की सुरक्षा करें, इसे दूषित होने से बचाएं। इसके लिए गंगा पूजन में केमिकल से युक्त पदार्थों का प्रयोग ना करें। प्राकृतिक पदार्थों का प्रयोग करें जो गंगा को शुद्ध करते हैं और उसके भीतर पल रहे जलीय जीव जंतुओं को पोषित करते हैं। गंगा पूजन में हमें जौ, तिल, कुशा, गाय का दूध, शर्करा, श्वेत चंदन आदि गंगा की धारा में अर्पित करने चाहिए।
बच्चों को संस्कार देने की बात करते हुए कथावाचक ने कहा कि वृद्धावस्था में कोई अचानक धार्मिक नहीं हो जाता। इसके लिए हमें बचपन से ही बच्चों में धर्म के बीज रोपने होंगे। धर्म में आस्था रखकर ही हम प्रकृति, अपने परिवार और समाज के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। गंगा दशहरे की पूजन विधि बताते हुए कथावाचक ने कहा कि जो लोग गंगा स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं उन्हें घर में ही यथाविधि स्नान करना चाहिए। गंगा जल में सादा जल मिलाकर स्नान करें तथा यथोचित दान पूजन आदि करें।
गुरुदीपिका योगक्षेम फाउंडेशन की निदेशक वारिजा चतुर्वेदी ने बताया कि गंगा दशहरे के पावन अवसर पर कथा का आयोजन किया गया है। कल गंगा दशहरे के अवसर पर इसका पूर्ण विश्राम होगा और गंगावतरण की पावन कथा सुनाई जाएगी। जो लोग गंगा तट पर स्नान करने नहीं जा पा रहे कथा को सुनकर यथाविधि स्नान कर सकते हैं।
इस अवसर पर देवेंद्र गोयल, कांता शर्मा, वरदान, निष्ठा आदि उपस्थित रहे। फाउंडेशन की ओर से सभी व्यवस्थाएं निदेशक रवि शर्मा ने संभाली।

See also  पूर्व विधायक का केक काटकर मनाया जन्मदिन

See also  Agra News: जेई ने कराई बिजली चोरी की रिपोर्ट, उपभोक्ता ने भेजा नोटिस
Share This Article
Follow:
प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.