इस्लामाबाद, पाकिस्तान। पाकिस्तान एक बार फिर गंभीर आंतरिक अशांति और विरोध प्रदर्शनों की चपेट में है। एक तरफ बलूचिस्तान में आजादी का आंदोलन चरम पर है, तो वहीं सिंध प्रांत में पानी की किल्लत को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इन दोनों ही क्षेत्रों में हिंसक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के “सामान्य हालात” के दावों की पोल खोल रही हैं।
सिंध में पानी विवाद पर गृहमंत्री का घर जलाया
सिंध प्रांत के नॉशेरो फेरोज़ ज़िले में पानी के विवाद को लेकर भड़की हिंसा ने इतना तूल पकड़ा कि गुस्साई भीड़ ने सिंध के गृहमंत्री जियाउल हसन के घर को आग के हवाले कर दिया। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
दरअसल, यह हिंसा तब भड़की जब क़ौमी तहरीक के कार्यकर्ता और पुलिस के बीच जबरदस्त टकराव हुआ। प्रदर्शनकारी 6 नहरों और कॉर्पोरेट खेती के प्रोजेक्ट्स के खिलाफ मंगलवार को नेशनल हाईवे पर धरना देने पहुंचे थे। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया, जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ गृहमंत्री के घर में आगजनी की, बल्कि वहां जमकर तोड़फोड़ भी की।
सिंध प्रांत में पानी की किल्लत को लेकर लोग लंबे समय से नाराज हैं। यह हिंसा पंजाब प्रांत को पानी भेजने के लिए प्रस्तावित नहर परियोजनाओं के विरोध में हुई है, जिससे सिंध में पानी की और कमी होने की आशंका है।
बलूचिस्तान में आजादी का आंदोलन तेज
वहीं, बलूचिस्तान के सीमाई इलाकों में भी अशांति चरम पर है। बलूच राष्ट्रवादी नेता और कार्यकर्ता लगातार पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं। जय सिंध फ्रीडम मूवमेंट जैसे संगठन भी अपनी मांगों को लेकर प्रमुख हाईवे पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया है। हाल ही में, कुछ बलूच नेताओं ने बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की घोषणा भी की है और संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मान्यता और समर्थन का आग्रह किया है। उनका दावा है कि पाकिस्तान का बलूचिस्तान के बड़े हिस्से पर नियंत्रण सीमित हो गया है।
पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में होने वाली आगजनी और बमबारी की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आंतरिक अशांति और अलगाववादी आंदोलनों का बढ़ना, पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, जिससे देश की स्थिरता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।