आगरा सिविल एयरपोर्ट का वायुसेना परिसर से बाहर आना ही उपयुक्त-सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा

Sumit Garg
7 Min Read

इलाहाबाद, कोलकाता , अमृतसर और श्रीनगर से एयर कनेक्टिविटी के लिए भी प्रयास हों

आगरा-सिविल सोसायटी ऑफ आगरा  का स्पष्ट मानना है कि एन सी आर के हितों के लिये प्रदेश के आगरा जैसे प्रमुख नगर हितो को अनदेखा किया जाना बंद होना चाहिये।

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने आगरा एयरपोर्ट के नवागत डायरेक्टर श्री नीरज कुमार श्रीवास्तव का स्वागत करते हुए अपेक्षा व्यक्त की है कि वायुसेना परिसर से सिविल एयरपोर्ट जितनी जल्दी संभव हो शिफ्ट करवायें। यह आगरा की संपर्क क्षमता  (connectivity efficiency ) के लिये तो सामायिक जरूरत है ही साथ ही एयर फोर्स परिसर की सुरक्षा को दृष्टिगत और भी जरूरी है।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा  के जनरल सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा कि जिस दिन भी सिविल एन्‍कलेव वायुसेना परिसर से शिफ्ट होकर बाहर आ जायेगा डोमेस्टिक ट्रैवलरों के लिये ही नहीं विदेशी मेहमानों के लिये भी पहली पसहोगा। इसी के साथ यह भारी मुनाफे में संचालित होने वाला एयरपोर्ट होगा। हालांकि वर्तमान में भी इसके माध्यम से टूरिज्म ट्रेड को भरपूर कारोबारी योगदान इसके माध्यम से मिलता है। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा  की ओर से इलाहाबाद, कोलकाता , अमृतसर और श्रीनगर के लिये भी यहां से फ्लाइटें शुरू करवाने की अपेक्षा की।
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा की ओर  से निवर्तमान एयरपोर्ट मैनेजर श्री ए ए अंसारी के कार्यकाल को भरपूर उपलब्धियों वाला बताते हुए कहा  गया कि आगरा में एयर कार्गो की सुविधा संभव हो पाना एक विशिष्ट उपलब्धि है।अभी तो इसकी शुरुआत है किन्तु आने वाले वक्त में इसके विस्तार की भरपूर संभावनाएं विद्यमान   हैं।
इसी प्रकार से एयरपोर्ट का एग्रीकल्चर गुड्स के एयरलिफ्ट सुविधा वाले एयरपोर्ट की सूची में शामिल होना भी आगरा की भावी जरूरत को दृष्टिगत  एक उपलब्धि है। वर्तमान में आगरा में ग्रीन हाउस एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर का प्रचलन बहुत तेजी के साथ बढा है।फलस्‍वरूप बहुत बड़ी मात्रा में इंटरकांटिनेंटल श्रेणी के एग्रीकल्चर प्रोड्यूस यहां उपलब्‍ध हैं।इनको उनके लक्षित खपत क्षेत्र में फ्रेश पहुंचाने के लिये  एयरलिफ्ट कर ले जाना ही व्यावहारिक माना जाता है। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का  मानना है कि श्री अंसारी के कार्यकाल में शुरू हुई यह सेवा आने वाले समय में बहुत विस्तार पायेगी।
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा  ने ‘टक’ का इस्तेमाल शुरू करवाने को एक बड़ी उपलब्धि बताया।जिसके कारण आगरा का एयरपोर्ट प्रदेश का न्यूनतम प्रदूषण उत्‍सर्जन  वाला एयरपोर्ट बन सका।टक का इस्तेमाल शुरू होने से पूर्व हवाई जहाज को ट्रैकर का इस्तेमाल कर के  एयरस्ट्रिप से पार्किंग तक लाया या ले जाया जाता था।
सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों में सर्वश्री अनिल शर्मा , राजीव सक्सेना और असलम सलीमीआदि शामिल थे।

See also  सपा प्रदेश नेतृत्व ने सुरेंद्र चौधरी को जिला महासचिव पद पर किया नियुक्त, समर्थकों में दौड़ी खुशी की लहर

स्वीकृत डीपीआर पर ही शुरू करवाये एयरपोर्ट का निर्माण

आगरा का पं दीनदयाल एयरपोर्ट शीघ्रता के साथ वायुसेना परिसर से बाहर चिह्नित स्थल जितनी जल्‍दी शिफ्ट हो सके यह ताज सिटी की सामायिक जरूरत है।
सिविल एन्‍कलेव आगरा को  बनाये जाने का काम शुरू हो जाना चाहिए था, सुप्रीम  कोर्ट  में  प्रस्तुत की जा चुकी और स्‍वीकृति का आधार डी पी आर डॉक्‍यूमेंट के  स्थान पर नई डी पी आर बनवायी  गयी  है और अब  उसको स्वीकृति  के लिये  प्रक्रिया शुरू कर दी गयी  है।
जिस स्थान के  लिये  पहले से ही डी पी आर स्वीकृत है,अब उसी स्थान के लिये  क्यों  नई डी पी आर बनवाने का काम शुरू  हुआ है। सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा सिविल एविएशन मिनिस्ट्री भारत सरकार से इस मामले  में  सार्वजनिक  तौर पर जानकारी  का खुलासा या प्रकटन चाहती है।
स्‍थान न बदलने  पर पूर्व में बनी डी पी आर के अनुसार ही कार्य शुरू करवाया जा सकता था। चूकि स्‍वीकृत डी पी आर दो  या तीन साल पूर्व ही बनी थी ,इस लिये अगर जरूरत थी तो उसके एस्‍टीमेटों को रिवाइज्‍ड करके ही काम चलाया जा सकता था।
सर्व विदित है कि आगरा के विकास और नागरिक सुविधाओं  से जुड़ा हर छोटा बडा निर्माण या सेवायें  ताज ट्रिपेजियम जोन के दायरे में आते हैं।इस लिये यहां होने वाले किसी भी काम के लिये पर्यावरणीय,वन विभाग और पुरातत्व विभाग  की स्‍वीकृतियां अनिवार्यता है। चूंकि टी टी जैड क्षेत्र में पेड़ काटना तक सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से ही संभव हो पाता है, इस लिये सिविल एन्‍कलेव के लिये नई डी पी आर बनवा के स्‍वीकृतियां हांसिल कर पाना सहज प्रतीत नहीं होता।
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा  की सांसदों,विधायकों से अपेक्षा है कि अपने विशेषाधिकारों का उपयोग कर इस संबंध में तथ्य परक जानकारियां आम नागरिकों खास कर टूरिज्‍म और ट्रैवल ट्रेड से संबधितों के सामने लायें।
हम नहीं कहते  कि पूर्व में स्वीकृत डी पी आर में सुधार या बदलाव की गुंजाइश नहीं होगी किन्तु स्‍वीकृति के अनुसार निर्माण शुरू करवा दिये जाने के बाद भी विस्तार, बदलाव संभव था। कम से कम ‘डिलेटैक्‍टस’ का तो असर नहीं पडता।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का मानना है कि नई डी पी आर स्वीकृत करवा पाना बहुत ही मुश्किल काम है, दिल्‍ली में काम करवा सकने वालों की तुलना में काम रुकवा देने की छमता रखने वाले कहीं अधिक प्रभावी  हैं।अत:आगरा के आर्थिक सामाजिक हित में होगा कि नई डीपीआर को बनवा कर स्वीकृतियों को प्राप्त करने का चक्कर छोड़ कर स्वीकृत डी पी आर के आधार पर ही एस्टीमेट रिवाइज्‍ड कर काम शुरू करवाना चाहिये।
आगरा को एयर कनेक्टिविटी  की अत्‍यंत  जरूरत है, टूरिस्टों  के अलावा यहां लोगों को भी अपने गंतव्‍यों का हवाई जहाज पकडने  के लिये दिल्‍ली,ग्‍वालियर या जयपुर जाना होता है। जो आगरा से या आगरा के लिये हवाई यात्रा  को कहीं अधिक महंगा और समय बढाने वाला बना देता है।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा  का स्पष्ट मानना है कि एन सी आर के हितों के लिये प्रदेश के आगरा जैसे प्रमुख नगर हितो को अनदेखा किया जाना बंद होना चाहिये।

See also  आगरा में गर्मी की वापसी: मानसून की विदाई के बाद तापमान में उछाल, जानिए क्या कहते हैं मौसम विभाग
Share This Article
Follow:
प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
Leave a comment