झाँसी: ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ शुरू, कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह बोले – समृद्ध किसान ही विकसित भारत की नींव

Dharmender Singh Malik
3 Min Read
झाँसी: 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' शुरू, कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह बोले - समृद्ध किसान ही विकसित भारत की नींव

झाँसी: रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने जिले के ग्राम बिरगुवां में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का औपचारिक शुभारंभ किया। यह अभियान भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर 29 मई से 12 जून तक संचालित किया जाएगा, जिसका प्रारंभ आज ओडिशा के पुरी जिले से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया।

वैज्ञानिकों की टीमें गाँव-गाँव जाकर दे रहीं कृषि तकनीकों की जानकारी

कुलपति डॉ. सिंह ने बताया कि रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के वैज्ञानिकों की विभिन्न टीमों ने झाँसी, दतिया और निवाड़ी जिलों के 3-3 ग्रामों का भ्रमण किया। इन टीमों ने किसानों से सीधे संवाद स्थापित कर उन्हें उन्नत कृषि तकनीकों, जल प्रबंधन, फसल विविधीकरण और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।

See also  यूपी में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: 13 आईएएस अफसरों के तबादले

इस अभियान के अंतर्गत देशभर के 700 कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विश्वविद्यालय, आईसीएआर (ICAR) के अनुसंधान संस्थान और जिला कृषि विभाग के अधिकारी एवं वैज्ञानिक विभिन्न गांवों में पहुँचकर किसानों को नई तकनीकों, योजनाओं और सार्थक कृषि उपायों की जानकारी दे रहे हैं।

किसानों को ‘छह सूत्रीय संकल्प’ और मृदा परीक्षण की सलाह

कुलपति डॉ. सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए “छह सूत्रीय संकल्प” को दोहराया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मिट्टी की जांच किसानों के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि इससे उर्वरकों का संतुलित और सही प्रयोग संभव हो सकेगा। इससे भूमि की उत्पादकता और टिकाऊपन में सुधार होगा और खेती की लागत भी कम होगी। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी में मृदा परीक्षण कराएं और प्राकृतिक खेती को अपनाएं।

See also  लग्जरी गाड़ी से चोरी करने आए चोरों को ग्रामीणों ने जमकर पीटा

खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा, किसानों से सक्रिय भागीदारी का आह्वान

निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. सुशील कुमार सिंह ने बताया कि खरीफ फसलों की बुआई से पूर्व सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी है। 14 प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे अभियान में सक्रिय भागीदारी करें और वैज्ञानिकों से सामूहिक चर्चा कर क्षेत्र विशेष की तकनीकी जानकारी प्राप्त करें।

डॉ. आरपी यादव, विभागाध्यक्ष वानिकी ने कृषि वानिकी इकाइयों की स्थापना, उसकी प्रक्रिया, लाभ एवं लंबी अवधि के आय स्रोत पर प्रकाश डाला। डॉ. राकेश चौधरी ने तिलहन एवं मोटे अनाज (मिलेट्स) की उन्नत उत्पादन तकनीकों पर चर्चा की, जबकि डॉ. गुंजन गुलेरिया एवं डॉ. पवन कुमार ने फसल एवं सब्जी उत्पादन में नवाचार और तकनीकी हस्तक्षेपों पर जोर दिया।

See also  9 दिसंबर को होगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

कुलपति डॉ. सिंह ने अंत में स्पष्ट किया कि “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का उद्देश्य केवल योजनाओं की जानकारी देना नहीं, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर एवं समृद्ध बनाना है। उन्होंने किसानों से वैज्ञानिकों के संपर्क में रहकर निरंतर तकनीकी सलाह लेने का आग्रह किया।

 

See also  लग्जरी गाड़ी से चोरी करने आए चोरों को ग्रामीणों ने जमकर पीटा
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement