झांसी की बेटी इमरोज़ खान ने विश्व पुलिस मुक्केबाजी में जीता स्वर्ण पदक, हॉकी छोड़कर बॉक्सिंग में रचा इतिहास

Sumit Garg
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झांसी की बेटी इमरोज़ खान ने विश्व पुलिस मुक्केबाजी में जीता स्वर्ण पदक, हॉकी छोड़कर बॉक्सिंग में रचा इतिहास

झांसी,सुल्तान आब्दी: झांसी की बेटी इमरोज़ खान ने विश्व पटल पर एक बार फिर शहर का नाम रोशन किया है। उन्होंने बर्मिंघम शहर में 27 जून से 6 जुलाई 2025 तक आयोजित विश्व पुलिस मुक्केबाजी गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। यह जीत झांसी के खेल इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ती है।

अमेरिका और ब्राजील की प्रतिद्वंद्वी को चटाई धूल

इमरोज़ ने महिला बॉक्सिंग के 70 किग्रा भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में अपनी अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी को करारी शिकस्त देकर यह कारनामा किया। इससे पहले, उन्होंने सेमीफाइनल बाउट में ब्राजील की बॉक्सर को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। इमरोज़ खान वर्तमान में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में सहायक उपनिरीक्षक (ASI) के पद पर कार्यरत हैं।

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हॉकी से बॉक्सिंग तक का सफर

खेल विश्लेषक बृजेंद्र यादव से बातचीत में अंदर ओरछा गेट निवासी इमरोज़ ने अपने शुरुआती कोच शादाब खान का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वह पहले हॉकी खेला करती थीं और उनकी लंबाई को देखते हुए उन्हें हॉकी में गोलकीपर बनाया गया था। लेकिन शादाब सर ने ही उन्हें बॉक्सिंग खेल के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उन्होंने बॉक्सिंग में अपना करियर बनाया और अब देश के लिए स्वर्ण पदक जीता है।

इमरोज़ की यह जीत न केवल उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि यह उन सभी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा भी है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए खेल बदलते हैं और नई ऊंचाइयों को छूते हैं।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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