आगरा: 70 वर्षीय दादा ससुर को दहेज उत्पीड़न और अन्य धाराओं में मुंसिफ फतेहाबाद/न्यायिक मजिस्ट्रेट 2 द्वारा मुकदमे के विचारण हेतु तलब करने के आदेश को एडीजे 23 अमित कुमार ने निरस्त कर दिया। इससे बुजुर्ग को बड़ी राहत मिली है।
श्रीमती ज्योति, पुत्री नरेश सिंह, निवासी नगला सूरज भान, थाना शमशाबाद, जिला आगरा ने न्यायिक मजिस्ट्रेट 2 फतेहाबाद की अदालत में परिवाद पत्र प्रस्तुत कर आरोप लगाया था कि उनकी शादी 26 अप्रैल 2021 को पुष्पेंद्र सिसौदिया, निवासी ग्राम साथा, थाना किरावली, जिला आगरा के साथ हुई थी। वादिनी का आरोप था कि दहेज से संतुष्ट नहीं होने के कारण ससुरालीजनों द्वारा उन्हें प्रताड़ित कर 5 लाख रुपये नकद और स्विफ्ट कार की मांग की जाती थी। मांग पूरी नहीं करने पर आरोपी ससुरालीजनों ने उनके साथ मारपीट कर घर से निकाल दिया। वादिनी ने ससुरालीजनों के विरुद्ध अन्य आरोप भी लगाए थे।
न्यायिक मजिस्ट्रेट 2 ने 30 अक्टूबर 2023 को वादिनी के दादा ससुर सहित 7 लोगों को मुकदमे के विचारण हेतु अदालत में तलब करने के आदेश दिए थे। 70 वर्षीय दादा ससुर ने खुद को अकारण तलब किए जाने पर अपने अधिवक्ता वीर बहादुर सिंह धाकरे के माध्यम से अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध सत्र न्यायालय में रिवीजन किया।
एडीजे 23 अमित कुमार ने 70 वर्षीय दादा ससुर के अधिवक्ता वीर बहादुर सिंह के तर्क और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर अधीनस्थ न्यायालय द्वारा बुजुर्ग के विरुद्ध पारित आदेश को निरस्त कर दिया। इससे बुजुर्ग को बड़ी राहत मिली है।