घटना की शुरुआत 28 दिसंबर 2024 को हुई थी, जब एक ट्रक जिसमें 21 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन लोड थे, कोलकाता के लिए दिल्ली से रवाना हुआ था। लेकिन, 31 दिसंबर को जब ट्रक को कोलकाता डिपो में पहुँचा, तो उसमें से 1.75 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन गायब पाए गए। ट्रांसपोर्ट मैनेजर दुर्गेश मिश्रा ने घटना की जानकारी इकदिल थाना पुलिस को दी और इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
पुलिस को पता चला कि ट्रक को इटावा के इकदिल थाना क्षेत्र स्थित नारायण ढाबे पर रोक कर उसके डिजिटल ताले को तोड़ा गया था। ट्रक के ड्राइवरों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक ताले के साथ छेड़छाड़ किए जाने की जानकारी मिली। पुलिस ने मामले की गहरी छानबीन शुरू की और सीसीटीवी कैमरों के जरिए आरोपियों की तलाश की। इसी दौरान एसओजी, सर्विलान्स टीम और थाना इकदिल पुलिस ने हाइवे पर मौजूद सीसीटीवी फुटेज को चेक किया, जिससे यह जानकारी मिली कि ब्रेजा कार में सवार आरोपी इटावा की ओर आ रहे थे।
पुलिस टीम ने बिरारी पुल के पास चेकिंग अभियान चलाया और करीब पौने बारह बजे एक ब्रेजा कार को रुकने का इशारा किया। कार के चालक ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे रोककर कार से 202 मोबाइल फोन, प्लास, पेचकस, डिजिटल लॉक, और अन्य चोरी के उपकरणों के साथ 10,50,000 रुपये नकद बरामद किए।
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने मिलकर चोरी की योजना बनाई थी। उन्होंने नारायण ढाबे के पास खड़े कंटेनर के डिजिटल लॉक को तोड़कर मोबाइल फोन चोरी किए। फिर चोरी किए गए मोबाइल फोन को उन्होंने बेच दिया और जिन पैसों को प्राप्त किया, वही उन्होंने अपने पास रखे थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इस प्रकार की गई:
- रोहित पुत्र रामवाला (उन्नाव)
- राजवीर पुत्र बृह्मदेव सिसौदिया (अलीगढ़)
- मोहित पुत्र मखनलाल गौतम (अलीगढ़)
- विजय कुमार पुत्र तुरसन पाल (एटा)
- चांद पुत्र इकबाल खान (एटा)
- नागेन्द्र सिंह पुत्र लाल सिंह सिसौदिया (एटा)
इटावा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपियों के कब्जे से बरामद की गई कार को एमवी एक्ट के तहत सीज कर दिया है। इस पूरी कार्रवाई के दौरान पुलिस की त्वरित कार्यवाही और जांच की सराहना की जा रही है।
इटावा पुलिस की इस बड़ी सफलता ने साबित कर दिया कि साइबर अपराध और चोरी के मामलों में भी अब पुलिस की सतर्कता और आधुनिक तकनीकी मदद से आरोपी पकड़े जा सकते हैं।