आगरा: उन मेडिकल छात्रों के लिए जो नीट (NEET) क्वालीफाई कर चुके हैं लेकिन भारत में एमबीबीएस की उच्च फीस के कारण अपने सपने को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, उनके लिए एक बड़ी राहत मिली है। इंटरमोस्ट वेंचर द्वारा शनिवार, 17 मई 2025 को कैलाशपुरी रोड स्थित होटल भावना क्लार्क इन में एमबीबीएस अब्रॉड एक्सपो-2025 का सफल आयोजन किया गया, जिसने विदेशों में कम बजट में डॉक्टर बनने के कई अवसर प्रस्तुत किए।
उद्घाटन और महत्वपूर्ण घोषणाएं
कार्यक्रम का शुभारंभ उज्बेकिस्तान के राजदूत सरदोर मिर्जायुसुपोविच रुस्तमबाईव और आगरा की मेयर हेमलता दिवाकर ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
राजदूत सरदोर रुस्तमबाईव ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने नीट पास कर लिया है और 12वीं कक्षा में 50% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, वे उज्बेकिस्तान, जॉर्जिया, वियतनाम, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, रूस और नेपाल जैसे सात देशों में मेडिकल की पढ़ाई कर सकते हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इन देशों में एमबीबीएस कोर्स विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (WFME) और एजुकेशनल कमीशन फॉर फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स (ECFMG) से मान्यता प्राप्त हैं। यह कोर्स भारत से नज़दीक होने, सुरक्षित वातावरण प्रदान करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी के साथ एक बेहतरीन विकल्प है। उन्होंने यह भी बताया कि इन देशों में कोर्स की अवधि 6 साल है और भारत की तुलना में कम बजट, कम कट-ऑफ और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे फायदे मिलते हैं।
भारतीय छात्रों के लिए नया क्षितिज
मेयर हेमलता दिवाकर ने इस एक्सपो को भारतीय युवाओं के लिए नई उम्मीद बताया। उन्होंने कहा कि यह सुविधा उन सभी छात्रों के लिए एक बड़ा अवसर है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं।
इस अवसर पर इंटरमोस्ट वेंचर के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय सिंह, डायरेक्टर राहुल गौतम, डॉ. निखिल चौहान, डॉ. अलख सिंह, नीलेश कुलकर्णी, डॉ. फारुख वेग, डॉ. सुधीर धाकरे, डॉ. ओपी यादव सहित कई विशेषज्ञ उपस्थित रहे, जिन्होंने छात्रों को विभिन्न विकल्पों और प्रक्रियाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। यह एक्सपो उन हजारों भारतीय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ जो अपने चिकित्सा करियर को आगे बढ़ाने के लिए किफायती और गुणवत्तापूर्ण विकल्प तलाश रहे हैं।