मंत्री मत्स्य, विभाग उत्तर प्रदेश सरकार पहुंचे आगरा, मछुआ कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का बखान

3 Min Read
सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता करते डॉ. संजय कुमार निषाद, मंत्री मत्स्य,विभाग उत्तर प्रदेश सरकार

राजेश कुमार

आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद आगरा भ्रमण पर पहुंचे। उन्होंने सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता कर, सरकार की योजनाओं और मत्स्य विभाग की उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मछुआ, मल्लाह, केवट के कल्याण के लिए केंद्र सरकार द्वारा 39 हजार करोड़ रुपये दिए गए, जिसका परिणाम है कि आज मत्स्य पालन में भारत में उत्तर प्रदेश सर्वोत्तम प्रदेश बना है।

मंत्री निषाद ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मछुआ समाज के विकास के लिए कटिबद्ध है। इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, प्रधानमंत्री मछुआ दुर्घटना बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना, निषाद राज वोट योजना, मछुआ कल्याण कोष शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का लाभ मछुआ समाज को सीधे तौर पर मिल रहा है। इससे मछुआ समाज को रोजगार मिला है, राजस्व बढ़ा है और प्रचुर प्रोटीनयुक्त खाद्यान मिल रहा है।

मंत्री निषाद ने हाल ही में तीन राज्यों में भाजपा की जीत पर कहा कि भाजपा गठबंधन धर्म निभाना जानती है। एनडीए के 25 वर्ष पूरे हुए हैं। विपक्ष में दल मिलते हैं, लेकिन दिल नहीं। कांग्रेस की धोखेबाजी वंचित समाज के लिए हमेशा रही है, इसलिए आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में भाजपा जीती।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी की लोकप्रियता तथा कुशल प्रबंधन की तारीफ करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उनका दल मोदी जी के साथ है।

ग्राम रहनकला में जनसभा को संबोधित करते हुए मंत्री निषाद ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस, सपा, बसपा की सरकारों ने मछुआ एससी आरक्षण के मुद्दे पर मछुआ समाज को केवल गुमराह करने का काम किया था। आज प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मछुआ समाज के मुद्दे पर गंभीर है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की तर्ज पर शिल्पकार जाति नहीं जातियों का एक समूह है। उत्तर प्रदेश में भी मझवार जाति नहीं जातियों का एक समूह है और विभिन्न 16 उपजातियां मझवार की पर्यायवाची जातियां हैं। प्रदेश और केंद्र सरकार मछुआ आरक्षण व उनके कल्याण के विषय पर गंभीर है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a ReplyCancel reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.
Exit mobile version