आगरा: छावनी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने आगरा पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए एक नया मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट में भ्रष्टाचार चरम पर है और पुलिस अधिकारी माफियाओं के साथ मिलकर पार्टी कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं।
डॉ. धर्मेश ने अपनी बात रखते हुए कहा कि “आगरा पुलिस कमिश्नरेट नहीं, बल्कि कमीशन रेट है।” उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किए गए झूठे मुकदमों और गैर-जमानती वारंटों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले में उच्चाधिकारियों से बात की लेकिन जब कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला तो उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर कार्रवाई की मांग करने का फैसला किया है।
कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा
डॉ. धर्मेश के इस कदम से भाजपा कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। कार्यकर्ता महसूस कर रहे हैं कि कोई जनप्रतिनिधि उनकी समस्याओं को गंभीरता से ले रहा है। वे अन्य विधायकों से भी इसी तरह की उम्मीद कर रहे हैं।
स्मार्ट सिटी परियोजना में भ्रष्टाचार का मामला
यह पहली बार नहीं है जब डॉ. धर्मेश ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई हो। इससे पहले भी उन्होंने स्मार्ट सिटी परियोजना में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खुलकर बोले थे। उनकी शिकायत पर शासन ने स्मार्ट सिटी के प्रभारी अभियंता को हटाने का आदेश दिया था।
डॉ. धर्मेश का आगरा पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलना एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह दर्शाता है कि भाजपा के भीतर भी भ्रष्टाचार और पुलिस की मनमानी को लेकर असंतोष है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।