मथुरा। मथुरा नगर निगम प्रशासन ने उत्पाती बंदरों से नगर की जनता और श्रद्धालुओं को राहत दिलाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। हाल के दिनों में मथुरा और वृंदावन क्षेत्र में बंदरों द्वारा उत्पात मचाने की शिकायतें बढ़ गई थीं, जिनसे स्थानीय लोग और मंदिरों में आने वाले श्रद्धालु परेशान थे। इन शिकायतों के मद्देनजर, नगर निगम प्रशासन ने बंदरों को पकड़ने के लिए एक पेशेवर संस्था को नियुक्त किया, और अब तक 1800 से अधिक बंदरों को पकड़कर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ दिया गया है।
नगर निगम प्रशासन का प्रयास
नगर निगम मथुरा वृंदावन क्षेत्र के अंतर्गत, आए दिन उत्पाती बंदरों की वजह से नागरिकों और श्रद्धालुओं को भारी असुविधा हो रही थी। इस पर नगर आयुक्त महोदय के निर्देशानुसार, निविदा प्रक्रिया के बाद पेशेवर संस्था गार्गी एनिमल केयर एंड कंट्रोल सर्विस प्रोवाइडर का चयन किया गया। इस संस्था को दिसंबर 2024 में बंदर पकड़ने के कार्य की शुरुआत करने का निर्देश दिया गया था। संस्था ने अब तक मथुरा शहर और आसपास के प्रसिद्ध मंदिरों तथा धार्मिक स्थलों से 1808 बंदरों को पकड़कर चिन्हित स्थानों पर छोड़ने का कार्य सफलतापूर्वक किया है।
बंदरों की समस्या का समाधान
पेशेवर संस्था द्वारा बंदरों को पकड़ने का अभियान निरंतर जारी है। आज के दिन में, संस्था ने वृंदावन जॉन के विभिन्न वार्डों और पाद बाबा गौशाला शनि देव मंदिर के पास से 17 उत्पाती बंदरों को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया। नगर आयुक्त के निर्देशानुसार, यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक नगर की जनता को उत्पाती बंदरों के आतंक से पूरी तरह से मुक्ति नहीं मिल जाती।
मंदिरों का महत्व
मथुरा और वृंदावन क्षेत्र में मंदिरों का विशेष धार्मिक महत्व है। इन क्षेत्रों में आने वाले श्रद्धालु हर दिन विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं। लेकिन बंदरों द्वारा मंदिरों में उत्पात मचाने की घटनाएं बढ़ने से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। बंदरों की इस समस्या का समाधान नगर निगम प्रशासन की प्राथमिकता बन गया है, ताकि श्रद्धालुओं को बिना किसी चिंता के अपनी धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिल सके।
नगर निगम की प्रतिबद्धता
नगर निगम प्रशासन ने इस कार्य के लिए अपनी पूरी टीम को सक्रिय कर दिया है, और वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि बंदरों को पकड़ने का यह अभियान तेजी से जारी रहे। नगर आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ मथुरा शहर से बंदरों को हटाना नहीं, बल्कि इन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़कर उनकी संख्या को नियंत्रित करना भी है। प्रशासन का यह प्रयास है कि जल्द से जल्द मथुरा के नागरिकों और श्रद्धालुओं को बंदरों के आतंक से मुक्ति मिले।