उत्तर प्रदेश के मुगलसराय के रहने वाले सैयद हसन रजा, जो ज्योतिष क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं, आजकल चर्चा का विषय बने हुए हैं। उन्होंने अब तक 1000 से अधिक कुंडलियों का विश्लेषण किया है और अपनी गहरी ज्योतिषीय समझ के साथ लोगों के जीवन के पहलुओं को उजागर किया है। सैयद हसन रजा ने वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से ज्योतिष में यूजी और पीजी डिप्लोमा किया और इसके बाद इग्नू (IGNOU) से ज्योतिष में मास्टर डिग्री हासिल की है। उनकी राह में एक खास मोड़ तब आया जब उन्होंने कुरान शरीफ की एक आयत से प्रेरणा ली, जिसके बाद उनका ज्योतिष के प्रति शौक गहरा हुआ।
ज्योतिष के माध्यम से भविष्यवाणी: यूपी में योगी सरकार होगी और मजबूत
सैयद हसन रजा ने हाल ही में ज्योतिषीय आंकलन के जरिए एक महत्वपूर्ण भविष्यवाणी की है। उनका कहना है कि आगामी समय में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार और भी मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि 29 मार्च के बाद से शनि का गोचर बदलने जा रहा है और गुरू की राशि मीन में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही कन्या राशि पर केतु का गोचर भी हो रहा है। इन सभी ग्रहों के बदलावों का प्रभाव यूपी की कानून व्यवस्था पर सकारात्मक पड़ेगा। सैयद हसन रजा के अनुसार, इन ग्रहों की स्थिति से यह प्रतीत होता है कि यूपी में शासन व्यवस्था और भी बेहतर होगी और राज्य में कानून व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच साझेदारी और बेहतर होगी, जिससे शासन की दिशा सही राह पर अग्रसर होगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भविष्यवाणी की कि सीएम योगी की प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि होगी और उनके ऊपर लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। साथ ही, समाज में आपसी वैमनस्य भी कम होगा और सौहार्द्र की भावना बढ़ेगी।
कौन हैं सैयद हसन रजा?
सैयद हसन रजा का जन्म और पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ है। वह बताते हैं कि जब वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में साइकोलॉजी में ऑनर्स की पढ़ाई करने आए थे, तब से ही उनके मन में बीएचयू के ज्योतिष विभाग में एडमिशन लेने का ख्याल था। उनके लिए ज्योतिष का मार्ग खोलने वाली एक महत्वपूर्ण वजह थी – कुरान शरीफ की एक आयत। वह कहते हैं कि सूरह-अत-तक्वीर (81) की आयत नंबर 15 में यह उल्लेख है कि “मुझे कसम है उन तारों की जो आगे चलते हैं फिर पीछे लौट आते हैं”, और इसने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि यह तारे किस तरह आगे बढ़ते हैं और फिर पीछे लौटते हैं। इसी सवाल ने उन्हें ज्योतिष के क्षेत्र में गहरी रुचि उत्पन्न की।
दादा का प्रभाव और बीएचयू में गुरु-शिष्य परंपरा
सैयद हसन रजा का यह भी मानना है कि उनके दादा का उन पर गहरा प्रभाव था। वह कहते हैं, “मेरे दादा का मुझ पर बहुत असर था, उनके मुख से घाघ के मौसम और नक्षत्रों के बारे में कहे गए कहावतें सुनकर मैं बड़ा हुआ।” उनके जीवन में उनके दादा की शिक्षाएं और विचार हमेशा एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते रहे। इसके बाद उन्होंने स्नातक के बाद हिम्मत जुटाई और बीएचयू के ज्योतिष विभाग में एडमिशन के लिए आवेदन किया। शुरू में संकोच होने के बावजूद, महामना के विश्वविद्यालय की गुरु-शिष्य परंपरा ने उन्हें न केवल प्रवेश दिलाया, बल्कि यहां के गुरुजनों से अपार स्नेह भी प्राप्त हुआ। सैयद हसन रजा ने आचार्य सुभाष पाण्डेय, आचार्य विनय पाण्डेय, और आचार्य शत्रुघ्न त्रिपाठी जैसे महान गुरुजनों से शिक्षा प्राप्त की, जिनका योगदान उनकी ज्योतिष यात्रा में बहुत अहम रहा है।
ज्योतिष में सफलता की ओर कदम
आज, सैयद हसन रजा एक मान्यताप्राप्त ज्योतिषाचार्य के रूप में खड़े हैं, जिनके द्वारा किए गए ज्योतिष आंकलन न केवल लोगों को जीवन के कठिन सवालों के जवाब देते हैं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव की भी संभावना दिखाते हैं। उनका ज्योतिषीय ज्ञान और भविष्यवाणियां उन लोगों के लिए एक रोशनी का काम कर रही हैं जो अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और सही दिशा में कदम बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।