नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट फॉर पोस्टग्रेजुएट (NEET-PG) 2025 परीक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया है कि NEET-PG 2025 की परीक्षा दो पालियों की बजाय अब एक ही पाली में आयोजित की जाएगी.
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने, जिसमें न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया भी शामिल थे, संबंधित अधिकारियों को एक पाली में परीक्षा आयोजित करने की व्यवस्था करने और पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से “मनमानी” होती है और यह सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर प्रदान नहीं करता. अदालत ने कहा, “किसी भी दो प्रश्नपत्रों का कठिनाई स्तर या आसानी का स्तर कभी भी समान नहीं हो सकता. इसमें भिन्नता होनी ही है.” शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि परीक्षा की राष्ट्रीय महत्ता को देखते हुए मानकों में एकरूपता आवश्यक है.
यह आदेश उन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आया है, जिनमें NEET-PG 2025 परीक्षा को दो पालियों में आयोजित करने की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से अलग-अलग सत्रों में कठिनाई स्तर में विसंगतियां आ सकती हैं, जिससे उम्मीदवारों के बीच मनमानी और अनुचितता की भावना पैदा होगी.
इस फैसले के बाद, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस (NBE), जो NEET-PG आयोजित करने वाली संस्था है, को सभी उम्मीदवारों को एक ही पाली में समायोजित करने के लिए लॉजिस्टिक्स में आवश्यक समायोजन करने होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि 15 जून 2025 को होने वाली परीक्षा के लिए अभी भी पर्याप्त समय है ताकि NBE एक ही पाली में परीक्षा कराने की व्यवस्था कर सके और पारदर्शिता बनाए रख सके.
यह फैसला उन हजारों मेडिकल स्नातकों के लिए राहत की खबर है, जो परीक्षा की निष्पक्षता और समानता को लेकर चिंतित थे.