सुमित गर्ग
खेरागढ़।
शहीदी सप्ताह के अंतर्गत वीर बाल दिवस के अवसर पर आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) खेरागढ़ नगर द्वारा नगर में भव्य एवं अनुशासित पथ संचलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन ने पूरे नगर को राष्ट्रभक्ति, त्याग और संस्कार के भाव से ओत-प्रोत कर दिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बाल स्वयंसेवकों एवं नागरिकों में देशभक्ति की भावना जागृत करना तथा वीर शहीदों के बलिदान को स्मरण कर समाज को एकजुट करना रहा।
पथ संचलन का शुभारंभ डाक बंगला से हुआ। पूर्ण गणवेश में सजे-धजे बाल स्वयंसेवक अनुशासित पंक्तियों में कदमताल करते हुए नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरे। “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्” और “वीर साहिबज़ादों अमर रहें” जैसे उद्घोषों से नगर का वातावरण देशभक्ति से गूंज उठा। पथ संचलन सैयां तिराहा, मुख्य बाजार, ऊंटगिर रोड, बाईपास रोड से होते हुए कागारौल चौराहा पहुँचा और पुनः डाक बंगला पर संपन्न हुआ।
मार्ग में व्यापारियों, समाजसेवियों एवं नगरवासियों ने स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा कर उनका उत्साहवर्धन किया। कई स्थानों पर नागरिकों ने हाथ जोड़कर बाल स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया, जिससे नगर में उत्सव और गौरव का वातावरण बना रहा।
पथ संचलन के उपरांत आयोजित बौद्धिक कार्यक्रम में मुख्य वक्ता रोहित, विभाग प्रचारक आगरा रहे। उन्होंने गुरु गोविन्द सिंह जी के वीर बलिदानी पुत्रों—साहिबज़ादों—के जीवन, शौर्य और बलिदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि साहिबज़ादों ने अत्यंत अल्पायु में अत्याचार के सामने झुकने से इनकार कर राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। उनका जीवन आज की पीढ़ी के लिए साहस, संकल्प और राष्ट्रधर्म की अमर प्रेरणा है।
पथ संचलन के दौरान एसएसआई विजेंद्र शर्मा अपनी पुलिस फोर्स के साथ लगातार साथ रहे, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हुआ। प्रशासन की सक्रिय मौजूदगी से यातायात व्यवस्था भी सुचारू बनी रही।

कार्यक्रम में जिला प्रचारक जितेंद्र, जिला बौद्धिक प्रमुख पुरुषोत्तम सिकरवार, जिला व्यवस्था प्रमुख सीताराम गोयल, जिला प्रचार प्रमुख राहुल सिंघल, जिला राष्ट्रीय राजमार्ग प्रमुख भरत वर्मा, माननीय नगर संघ चालक योगेंद्र वर्मा, नगर एवं खंड के अनेक दायित्ववान कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
इस आयोजन के माध्यम से समाज में राष्ट्रभक्ति, बलिदान, अनुशासन और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता का सशक्त संदेश दिया गया।

