गोरखपुर, तौहीद खान: गोरखपुर के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (पीटीएस) में अविवाहित महिला रिक्रूट्स के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जाने के आदेश से हड़कंप मच गया। डीआईजी पीटीएस के इस निर्देश के बाद कुछ रिक्रूट्स की जांच शुरू भी हो गई थी, लेकिन मामला मुख्यालय पहुंचने पर आईजी ट्रेनिंग ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए इस आदेश को निरस्त कर दिया। अब अविवाहित महिला रिक्रूट्स को केवल शपथ पत्र देना होगा।
गोरखपुर पीटीएस में कुल 513 महिला रिक्रूट्स को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है, जिनकी ट्रेनिंग सोमवार से शुरू हो गई है। ट्रेनिंग से पहले इन सभी के स्वास्थ्य की जांच की जानी थी। इसी दौरान, डीआईजी रोहन पी ने गर्भधारण जांच कराने का निर्देश जारी कर दिया। इसके लिए उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को पत्र लिखकर मेडिकल टीम बुलाने का भी आग्रह किया था, जिससे पीटीएस में अफरातफरी का माहौल बन गया।
आईजी का हस्तक्षेप और आदेश निरस्त
मामले की जानकारी जैसे ही आईजी ट्रेनिंग चंद्र प्रकाश को मिली, उन्होंने तत्काल डीआईजी का आदेश निरस्त कर दिया। आईजी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि किसी भी महिला आरक्षी की अनावश्यक जांच नहीं कराई जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि यदि कोई रिक्रूट गर्भवती है, तो वह स्वयं शपथ पत्र देकर बाद के बैच में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर सकती है।
नियम क्या कहता है?
नियमों के अनुसार, केवल शादीशुदा महिला आरक्षियों की ही गर्भधारण की जांच होती है। कुंवारी युवतियों को सिर्फ एक शपथ पत्र देना होता है कि वे गर्भवती नहीं हैं। यदि कोई रिक्रूट गर्भवती पाई जाती है, तो उन्हें ट्रेनिंग से अलग कर दिया जाता है और प्रसव के बाद उन्हें अगले बैच में ट्रेनिंग का मौका मिलता है।