आगरा: उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के दिशा निर्देश में एवं माननीय श्री विवेक संगल, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा के निदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा में एक दिवसीय कोमर्शियल प्रशिक्षण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका प्रशिक्षण माननीय पीठासीन अधिकारी श्री सुधीर कुमार- प्रथम, आगरा के द्वारा तीन मीडिएटर श्री के पी सिंह, श्री धर्मेन्द्र चौधरी एवम सुश्री शालिनी शर्मा को दिलाया गया।
प्रशिक्षण में उपस्थित मध्यस्थगण को विशेष कमर्शियल वादों को समझौते के माध्यम से निस्तारण कराए जाने हेतु विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया। प्रशिक्षण के दौरान डॉक्टर दिव्यानंद द्विवेदी, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा एवं समस्त कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण में माननीय पीठासीन अधिकारी श्री सुधीर कुमार- प्रथम ने मध्यस्थता की प्रक्रिया, मध्यस्थता के लाभ, मध्यस्थता के लिए आवश्यक योग्यता, मध्यस्थता के लिए तैयारी, मध्यस्थता के दौरान भाषा और व्यवहार, मध्यस्थता के दौरान पक्षकारों को सलाह, मध्यस्थता के दौरान दस्तावेजों का संग्रहण, मध्यस्थता के बाद के कार्य आदि विषयों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।
प्रशिक्षण के अंत में उपस्थित मध्यस्थगण ने प्रशिक्षण के लिए माननीय पीठासीन अधिकारी श्री सुधीर कुमार- प्रथम का आभार व्यक्त किया।
प्रशिक्षण का महत्व
मध्यस्थता एक वैकल्पिक विवाद निपटान प्रणाली है जो पक्षकारों को आपसी सहमति से अपने विवाद का समाधान करने में मदद करती है। यह प्रणाली समय, धन और प्रयास की बचत करती है। मध्यस्थता के माध्यम से कमर्शियल वादों का निस्तारण करने से व्यवसायों को नुकसान से बचाया जा सकता है।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से मध्यस्थगण को मध्यस्थता की प्रक्रिया और लाभों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है। यह जानकारी उन्हें मध्यस्थता के माध्यम से कमर्शियल वादों का निस्तारण करने में मदद करेगी।