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संघ ने किया मातृशक्ति समन्वय सम्मेलन का आयोजन, शिक्षा के साथ साथ संस्कारों पर दिया जोर

Sumit Garg
4 Min Read

सुमित गर्ग,अग्रभारत

आगरा (खेरागढ़) – कस्बे के श्री पूरन चंद रमेश चंद सरस्वती विद्या मंदिर के सभागार में RSS ने मातृ शक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया।
मातृशक्ति समन्वय सम्मेलन में लव जिहाद और मोबाइल का मुद्दा छाया रहा। वक्ताओं ने आज की परिवार व्यवस्था पर भी सवाल उठा दिए। साथ ही संदेश दिया कि अगर हमारी मातृ शक्ति नहीं जागी तो हमारी संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी। उसके दुष्परिणाम सबके सामने होंगे
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती व मां भारती की तस्वीर के आगे द्वीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित कर मंचासीन अतिथियों श्याम किशोर गुप्ता ,निर्मला बहिन,श्रीमती रीना और श्रीमती शिवानी चौधरी के स्वागत से किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती रीना बहिन ने की।संचालन का दायित्व श्रीमती बबिता पाठक ने बखूबी निभाया।
मुख्य वक्ता श्याम किशोर गुप्ता ने कहा कि बच्चों को संस्कारित और साहसी बनाने का पहला कदम माता से शुरु होता है। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति और इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं। जिनमें माताओं ने अपनी संतान को असाधारण प्रतिभा का धनी बनाया। उन्होंने कहा कि आज संयुक्त परिवार जैसी संस्कृति कम होती जा रही है और जो हमारी सबसे प्रमुख पहचान रही।

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वक्ताओं में नीतू शर्मा ने लव जिहाद पर अपने विचार व्यक्त किये।उन्होंने ने महिलाओं को लव जिहाद के बारे में बताया। कहा कि लव जिहाद छल और बल के साथ किया जा रहा है। फेसबुक पर भोली लड़कियों को विधर्मी लोग फंसा रहे हैं। वे हाथों में कलावा बांधकर और हिंदू नाम रख कर लड़कियों से दोस्ती करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सब मोबाइल संस्कृति की वजह से हो रहा है। अगर किसी भी बालिका को कोई समस्या है, कोई उसे परेशान करता है या उसे कोई दोस्ती की बात करता है तो वह अपने परिवार की महिलाओं को बताएं ताकि समस्या का समाधान हो और हमारी बेटियां सुरक्षित रहें।

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सभी वक्ताओं ने अपने संबोधन में महिलाओं को जागरूक बनाने के कईं बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। इन्होंने कहा कि एक तरफ जहा पूरे समाज के लोग देवियों की पूजा-अर्चना करते है। वहीं, इसी समाज में लिंग परीक्षण व गर्भ में भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध हो रहा है। इसके लिए महिलाओं को जागरूक होना पड़ेगा ।
महिलाओं को जागरूक बनाने के लिए सर्वप्रथम शिक्षित होना नितात आवश्यक है। इतिहास गवाह है कि घर की एक पढ़ी लिखी महिला की कईं पीढ़ी अशिक्षित नहीं होती। 
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि घर परिवार में महिलाएं भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना शुरु करें तो हमारा समाज और देश वापस परंपराओं की ओर लौट सकता है। 

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उपस्थित महिलाओं में ममता शर्मा,ममता गोयल,वेदमती बंसल,विनीता गोयल,ममता गर्ग,ललिता मित्तल, आभा सिंघल, रिशिता, खुशी वर्मा,सुनंदा गोयल,मोना गोयल,वैशाली यादव,
कार्यक्रम के आयोजन में मंगलसैन मित्तल, होतम सिंह,लाखन सिंह,सीताराम गोयल,कन्हैया दास, सुधीर, अभिषेक फौजदार, भरत वर्मा,अभिषेक सिंघल,सन्तोष,यदुपति, सुमित कटारा, आशुतोष, रितिक, अटल,चन्द्रेश गर्ग आदि का मुख्य सहयोग रहा।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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