आगरा। आपने कभी किसी पेड़ को जादू की झप्पी दी है अगर नहीं तो आज ही दीजिए यह कहना है पारिजात की अध्यक्ष डॉ अनुराधा चौहान का पारिजात संस्था ने शाहजहां पार्क में जादू की झप्पी विद ट्री कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसका उद्देश्य लोगों को प्रकृति से जोड़ना है और उसे बचा के रखना है।
उन्होंने बताया कि जब आप किसी को गले लगाते हैं तो खुशी का अनुभव करते हैं इसी प्रकार हम किसी पेड़ को जब गले लगाते हैं तो एक खुशी का अनुभव होता है। जैसा की हम जानते हैं हर वस्तु में एक वाइब्रेशन होती है जो कि हमारे बायोलॉजिकल व्यवहार को प्रभावित करती है इसके परिणामस्वरूप जब हम किसी गले लगाते हैं ,तो उसके विभिन्न वाइब्रेशन पैटर्न हमारे शरीर के अंदर के बायोलॉजिकल सिस्टम को प्रभावित करता हैं तब हमारा शरीर उस ऊर्जा को महसूस करता है। जब आप घने जंगल में जाते हैं या पेड़ के पास जाते हैं तो अंदर से खुशी का अनुभव महसूस करते हैं यह हमारे इम्यून सिस्टम को उत्तेजित करने का सबसे आसान और प्रभावशाली तरीका है ।
सूक्ष्म ऊर्जा वृक्षों की प्राकृतिक भाषा है, जब हम इनके समक्ष अधिक समय बिताते हैं तब हम इनकी भाषा को समझने लगते हैं उस ऊर्जा को शरीर महसूस करने लगता है ।उन्होंने बताया जब हम पेड़ को गले लगाते हैं तो अंदर से ऑक्सीटोसिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है यह हार्मोन किसी भी किसी से भावनात्मक जुड़ाव महसूस कराता है और सेरोटोनिन और डोपामाइन हार्मोन आपको खुशी का एहसास कराता है।
जाइए और एक वृक्ष को 21 सेकंड तक जादू की झप्पी दीजिए और उसकी ऊर्जा को महसूस कीजिए ये आपकी चिंता,उदासी,नकारात्मकता को सकारात्मकता और खुशी में पर्वतित कर देगा। डॉ धीरज मोहन सिंघल ने बताया ये जादू की झप्पी विद ट्री कार्यक्रम 2 जून तक ऑनलाइन चलेगा।दो दिन के फील्ड कार्यक्रम में पहले दिन मिशन लाइफ कैंपेन के अंतर्गत पहले दिन डीएफओ,आरुषि मिश्रा और उनकी टीम के साथ रहा।दूसरे दिन का कार्यक्रम कौशल कुमार सर, डिप्टी डायरेक्टर, हॉर्टिकल्चर के साथ रहा। कौशल सर ने परिजात टीम को उनके कार्यों की बधाई दी और टीम को शाहजहां गार्डन के बारे में बताया और नवनिर्मित वॉच टावर से ताजमहल वा किला का मनमोहक दृश्य दिखाया। कार्यक्रम में उपस्थित रहे डॉ प्रीति सिंह, डॉ गुंजन सिंह,परक्षित (परिवहन निगम) से,आर्यन,विकास, नंदिनी,नूपुर, उन्नति और अनन्या ।