मेरठ: मेरठ में संपत्ति के सर्किल रेट को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला प्रशासन और रजिस्ट्री अधिकारी सर्किल रेट में 20 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रहे हैं। यह वृद्धि तीन साल के अंतराल के बाद हो रही है, और अब संपत्तियों के बाजार मूल्य को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया के तहत, अप्रैल के पहले सप्ताह में आम जनता से इन बढ़े हुए सर्किल रेट पर आपत्ति मांगी जा सकती है।
नई विकास योजनाओं के कारण संपत्तियों के दाम में वृद्धि
हाल के वर्षों में मेरठ में रैपिड रेल, नए राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण और पुराने रास्तों का चौड़ीकरण जैसे कई विकास कार्यों की वजह से संपत्तियों के दाम काफी बढ़ गए हैं। इसी कारण से जिला प्रशासन और रजिस्ट्री अधिकारी अब सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं।
तीन साल बाद फिर शुरू हुई प्रक्रिया
2016 के बाद से मेरठ में सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था, क्योंकि तब तक कई विकास योजनाएं अधूरी थीं। हालांकि, 2022 में मामूली वृद्धि की गई थी, लेकिन फिर से इसे स्थिर कर दिया गया। अब, तीन साल बाद यह प्रक्रिया फिर से शुरू हुई है।
सर्किल रेट में वृद्धि से बढ़ेगा वसूली लक्ष्य
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इस वृद्धि से स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क में भी वृद्धि होगी, जिससे सरकारी खजाने में करोड़ों की अतिरिक्त वसूली हो सकती है। पिछले साल वसूली का लक्ष्य 1225 करोड़ रुपये था, जिसमें से 900 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली हुई थी। इस साल, यदि सर्किल रेट में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाती है, तो वसूली लक्ष्य और भी ज्यादा हो सकता है।
सार्वजनिक आपत्ति के बाद लागू होंगे नए सर्किल रेट
सर्किल रेट बढ़ाने की प्रक्रिया के तहत, जिला प्रशासन और रजिस्ट्री अधिकारी पहले सर्किल रेट के प्रस्तावों की घोषणा करेंगे और फिर आम जनता से आपत्तियां मांगी जाएंगी। यदि जनता को लगता है कि किसी क्षेत्र का सर्किल रेट अधिक है, तो वे आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। इन आपत्तियों का निस्तारण के बाद अप्रैल के अंत तक नए सर्किल रेट लागू किए जा सकते हैं।