सिकंदरा क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण, अधिकारियों की निष्क्रियता पर उठे सवाल

Jagannath Prasad
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सिकंदरा क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण, अधिकारियों की निष्क्रियता पर उठे सवाल

आगरा: सिकंदरा स्मारक के 100 मीटर के दायरे में अवैध निर्माण कार्य जोरों पर हो रहा है, जबकि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की ओर से अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त आदेश दिए गए हैं। यह स्थिति तब सामने आई है जब सिकंदरा स्मारक की पार्किंग के ठीक सामने स्थित सरोज एनक्लेव कॉलोनी में बिना नक्शा पास कराए अवैध निर्माण कार्य तेज़ी से हो रहे हैं।

हालांकि, यह क्षेत्र स्मारक के 100 मीटर के दायरे में आता है और यहाँ किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य की अनुमति नहीं है, फिर भी अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण इन निर्माणों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। बताया जाता है कि Archaeological Survey of India (ASI) ने पहले ही निर्माणकर्ता को नोटिस जारी किया था, और उसकी कॉपी सिकंदरा थाने के अलावा विभाग के उच्च अधिकारियों को भी भेजी गई थी। बावजूद इसके, निर्माण कार्य नहीं रुक पा रहा है।

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वहीं, आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) के क्षेत्रीय अधिकारी भी इस अवैध निर्माण पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। क्षेत्रीय सुपरवाइज़र, जो कि इन निर्माण कार्यों पर निगरानी रखने के लिए जिम्मेदार हैं, सिर्फ उच्च अधिकारियों को सूचित करने की बजाय, खुद इन गतिविधियों में शामिल दिखते हैं। कुछ मामलों में यह जानकारी मिलती है कि इन निर्माण कार्यों की सूचनाएँ उच्च अधिकारियों तक नहीं पहुंचतीं, या फिर उन्हें जानबूझकर नजरअंदाज किया जाता है।

इसके अलावा, जूनियर इंजीनियरों की भूमिका भी संदिग्ध नजर आती है। विभाग की जिम्मेदारियों के चलते, वे क्षेत्र में अवैध निर्माणों का निरीक्षण नहीं कर पाते। क्षेत्रीय सुपरवाइज़र का मुख्य काम यही होना चाहिए कि वे अवैध निर्माणों की सूचना समय पर उच्च अधिकारियों को दें, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे इसे टालने का प्रयास करते हैं।

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स्थानीय निवासी और नागरिक अधिकार संगठनों ने इस अवैध निर्माण को लेकर प्रशासनिक लापरवाही की कड़ी निंदा की है। सवाल उठता है कि आखिर कब तक इस तरह के निर्माण बिना किसी कानूनी कार्रवाई के जारी रहेंगे और क्या कभी अधिकारियों के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाया जाएगा?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एएसआई और आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारी इस अवैध निर्माण पर कब तक ठोस कार्रवाई करते हैं, और क्या क्षेत्र में इन निर्माणों को रोकने के लिए प्रशासनिक सख्ती दिखाई जाएगी। फिलहाल, यह स्पष्ट है कि क्षेत्र में अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करते हुए इन अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।

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