Mathura News, छटीकरा: धर्मानगरी वृंदावन के श्रौतमुनि आश्रम में आयोजित 85वें होली महोत्सव के तहत श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ में कथा प्रवक्ता भाईश्री रमेश भाई ओझा ने ईश्वर भक्ति पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर उन्होंने ध्रुव चरित्र की कथा सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र की बाधा नहीं है, बल्कि बचपन में ही भक्ति की शुरुआत करनी चाहिए, क्योंकि बचपन कच्ची मिट्टी के समान होता है, जिसे जैसा चाहें वैसा गढ़ा जा सकता है।
भाईश्री रमेश भाई ओझा ने कथा में ध्रुव की तपस्या के दौरान श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि ध्रुव ने अपनी सौतेली मां सुरुचि द्वारा अपमानित होने के बावजूद अपने माता सुनीति के धैर्य से एक बड़ा संकट टाल लिया। उन्होंने बताया कि परिवार में शांति बनाए रखने के लिए धैर्य और संयम की अत्यंत आवश्यकता होती है।
कथा के दौरान, प्रह्लाद के चरित्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान नृसिंह ने लोहे के खंभे को फाड़कर प्रकट होकर हिरण्यकश्यप का वध किया। यह घटना प्रह्लाद के अडिग विश्वास को प्रमाणित करती है कि भगवान कहीं भी, किसी भी रूप में प्रकट हो सकते हैं।
इस अवसर पर स्वामी आनंद भास्करानंद, स्वामी वेदानंद, स्वामी अद्वैतमुनि, महादेव बापू, सुभाष अग्रवाल और सुभद्रा अग्रवाला ने श्रीमद्भागवत का पूजन-अर्चन किया।
इस कार्यक्रम में मुकामी महंत चौधरी निरंजन दास, महामंडलेश्वर प्रकाश मुनि, पूजा चौधरी, मोहन वाधवा, नीरज बजाज, रामरतन धनोपिया, राजेश शर्मा, अशोक माहेश्वरी, कमल वाधवा, समीर वाधवा, गुलशन गुगलानी, राकेश सोनी, सुनील गौतम, अखिलेश वशिष्ठ, कृष्णचंद्र गौतम, हरिओम गौतम, और सुमित गौतम समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।