आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग में एक कनिष्ठ बाबू अपने रसूख के बल पर पूरे विभाग में ‘रॉबिन हुड’ बना हुआ है। फर्जी नियुक्तियों, विभागीय भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के तमाम गंभीर आरोपों के बावजूद इस बाबू का सिक्का विभाग में जमकर चल रहा है। आलम यह है कि केंद्रीय राज्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी (डीएम) तक के आदेश भी उसके आगे बेअसर साबित हो रहे हैं।
शिकायतों के बावजूद मुख्यालय पर फिर से तैनात
बेसिक शिक्षा विभाग में यह बाबू अब एक बहुचर्चित नाम बन चुका है, जिसके सामने सारे नियम-कानून फेल होते दिखते हैं। आरोप है कि यह बाबू अपने उच्चाधिकारियों के लिए ‘दुधारू गाय’ बन चुका है, जिसके चलते उसके खिलाफ आने वाली प्रत्येक शिकायत को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है। विभाग के अधिकांश महत्वपूर्ण पटल और कार्य उसी के जिम्मे रहते हैं।
बताया जाता है कि विगत में इसके खिलाफ केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. एस.पी. सिंह बघेल को कार्रवाई हेतु शिकायत सौंपी गई थी। केंद्रीय राज्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में विवादित बाबू के खिलाफ शिकायत का संज्ञान लेते हुए डीएम ने उसे मुख्यालय से तत्काल प्रभाव से हटाते हुए उसके खिलाफ जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। शिकायतकर्ता के अनुसार, उसकी शिकायत पर आनन-फानन में बाबू को मुख्यालय से हटाकर नगर क्षेत्र कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया। लेकिन यह सब सिर्फ दिखावा भर था। उस बाबू ने फिर से मुख्यालय पर ही डेरा जमा लिया है। शिकायतकर्ता ने सवाल उठाया है कि उच्चाधिकारियों द्वारा उसे किस आधार पर मुख्यालय पर पुनः तैनाती दी है, यह जांच का गंभीर विषय है।
रिश्वत लेते पकड़ा गया, फिर भी मुख्यालय पर अटैच
शिकायतकर्ता ने बताया कि एंटी करप्शन टीम द्वारा रिश्वत लेते हुए इस बाबू को रंगे हाथों पकड़े जाने के बावजूद, जेल से छूटने के बाद उसे मुख्यालय पर ही अटैच कर लिया गया। जबकि शासन स्तर से अटैचमेंट पर सख्त रोक है, इसके बावजूद हर बार उसे अटैचमेंट करके मुख्यालय पर ही तैनाती दी जाती रही। उसके खिलाफ शिक्षकों से अवैध वसूली, नियम विरुद्ध डीसी ट्रेनिंग का पद हथियाना, संदिग्ध तरीके से नियुक्ति हासिल करना, और रिश्वत लेते हुए ट्रैप होने जैसे गंभीर विषयों को भी उच्चाधिकारियों द्वारा नजरंदाज किया जाता रहा।
शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी को रिमाइंडर पत्र भेजकर इस गंभीर प्रकरण का संज्ञान लेने और बाबू को मुख्यालय से हटाते हुए दूरस्थ ब्लॉक में तैनात कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।
बेसिक शिक्षा मंत्री के साथ फोटो वायरल
यह विवादित बाबू अपना आभामंडल दिखाने के लिए सोशल मीडिया पर भी जमकर सक्रिय रहता है। विभाग में अपना सिक्का जमाने के लिए उसने अवैध तरीके से डीसी ट्रेनिंग बनकर लखनऊ तक पहुंच बना ली और बेसिक शिक्षा मंत्री के साथ फोटो सेशन करवाया। बेसिक शिक्षा मंत्री के साथ बाबू का यह फोटो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो विभाग के अंदरूनी मामलों और बाबू के रसूख को और भी उजागर करता है।
पत्रकारिता का स्तर इतना गिर चुका है की जब एक महिला किसी पुरुष पर मुकदमा करती है तो यह पत्रकार लोग बिना किसी ठोस आधार के उस पुरुष एवं उसके पारिवारी जनों के नाम , पता , फोटो , वगैरा सब छाप देते हैं… अब जब खुलेआम बाबू भ्रष्टाचार में लिप्त है तो सारे लोगों के नाम तो छाप दिए बस उस बाबू का नाम तक नहीं छापा…
लगता है पत्रकार महोदय को भी इसी बाबू से कोई काम है जो कि वह फ्री में नहीं कर रहा है… और यह उसे पर अपनी कलम से दवाब बना रहे हैं…