आगरा: न्याय व्यवस्था में पुलिस और प्रशासन की जवाबदेही पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने एक होटल संचालक द्वारा लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में जिला आबकारी अधिकारी के विरुद्ध नोटिस जारी किया है। जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अदालत से मांगी गई आख्या (रिपोर्ट) समय पर प्रस्तुत न करने पर CJM ने उनके कृत्य को “अत्यंत आपत्तिजनक” माना है।
होटल संचालक का गंभीर आरोप: पुलिस और आबकारी कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग
मामले के अनुसार, ओम यादव उर्फ ओमवीर, निवासी करकुंज नगर, नई आबादी, थाना सदर, जिला आगरा (जो एक होटल संचालक और पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी भी हैं), ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर पुलिसकर्मियों और आबकारी विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
प्रार्थी ओम यादव ने आरोप लगाया है कि 7 फरवरी 2021 की देर रात करीब 1:38 बजे, टाटा सूमो से आए कुछ लोगों ने खुद को एसओजी टीम का बताकर उनसे खाना खिलाने को कहा। होटल बंद होने का हवाला देकर जब ओम यादव ने असमर्थता जताई, तो वे लोग उग्र हो गए। ओम यादव के अनुसार, उन लोगों ने उनकी कमर में पिस्टल लगाकर उन्हें टाटा सूमो में बैठाया और अपने साथ ले गए। इस दौरान होटलकर्मी भी जाग गए थे।
ओम यादव का आरोप है कि पुलिस वालों ने उनसे 20,450 रुपये और एक आईफोन छीन लिया। उन्हें थाना ताजगंज ले जाकर झूठे मुकदमे में बंद करने की धमकी दी और रुपयों की मांग की। उस समय थाने में आबकारी विभाग के अधिकारी और उनके द्वारा आबकारी अधिनियम में पकड़े गए अन्य आरोपी भी मौजूद थे। ओम यादव का दावा है कि जब उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो पुलिस वालों ने उन्हें उन्हीं आरोपियों के साथ चालान कर जेल भेज दिया। ओम यादव को इस झूठे मामले में हाईकोर्ट से जमानत स्वीकृत हुई थी।
CJM का सख्त रुख: जिला आबकारी अधिकारी को नोटिस जारी
CJM ने प्रार्थी के प्रार्थना पत्र पर 18 अप्रैल 2025 को जिला आबकारी अधिकारी से प्रार्थना पत्र में वर्णित कथनों के संबंध में आख्या तलब की थी। इतने दिनों तक आख्या प्रेषित न करने पर CJM ने जिला आबकारी अधिकारी के इस कृत्य को अत्यंत आपत्तिजनक मानते हुए उनके विरुद्ध नोटिस जारी कर निर्धारित तिथि पर आख्या अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश पारित किया है।
इस मामले में पुलिस और प्रशासन के कर्मियों पर लगे गंभीर आरोप न्यायपालिका के हस्तक्षेप के बाद सामने आए हैं, जो दर्शाता है कि यदि अधिकारी अपने कर्तव्यों का उचित पालन नहीं करते हैं तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा। इस मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही और जिला आबकारी अधिकारी की आख्या का इंतजार है।