शामली (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के शामली जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। कस्बा कैराना निवासी राधेश्याम कश्यप ने एक वायरल वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी को क्षेत्र के तीन लोग रोजाना बहला-फुसलाकर घर से ले जाते हैं और शाम को वापस छोड़ जाते हैं। राधेश्याम ने चेतावनी दी है कि अगर उसकी पत्नी वापस नहीं आई, तो वह अपने छह बच्चों के साथ यमुना नदी में कूदकर जान दे देगा।
राधेश्याम कश्यप के आरोपों से फैली सनसनी
पीड़ित राधेश्याम कश्यप ने मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए बताया कि उसकी पत्नी के इस व्यवहार से उसका परिवार टूटने की कगार पर है। राधेश्याम का आरोप है कि उसकी पत्नी को तीन लोग —
मोनिका (खास ऊन), परवेज (कैराना) और सुंदर (कुडाना) — लगातार बहकाते और बहला-फुसलाते हैं।
उसने बताया कि उसके छह छोटे बच्चे हैं, जो इस स्थिति से मानसिक और भावनात्मक रूप से टूट चुके हैं। राधेश्याम ने बताया कि जब बच्चों ने अपनी मां को रोकने की कोशिश की, तो पत्नी ने उन्हें पीटकर चुप करा दिया।
पुलिस और प्रशासन पर भी गंभीर आरोप
राधेश्याम ने कहा कि उसने इस मामले की शिकायत थाना छपरौली, बागपत एसपी कार्यालय और जिला शामली प्रशासन में कई बार की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
उसका आरोप है कि एक दारोगा ने उससे एक लाख रुपये रिश्वत भी ली, लेकिन फिर भी न्याय नहीं मिला।
राधेश्याम का कहना है कि जब उसने कार्रवाई की मांग दोहराई, तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। उसने कहा कि वह पिछले 11 महीनों से न्याय की लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन अब तक प्रशासन मौन है।
वायरल वीडियो से मचा बवाल
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में राधेश्याम ने कहा कि अगर पुलिस और प्रशासन ने अब भी कार्रवाई नहीं की, तो वह अपने छह बच्चों के साथ यमुना नदी में कूदकर आत्महत्या कर लेगा।
उसने पुलिस-प्रशासन से पत्नी को सुरक्षित वापस लाने और परिवार को सुरक्षा देने की गुहार लगाई है।
पुलिस ने ली वीडियो का संज्ञान, जांच शुरू
वहीं, शामली पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वायरल वीडियो संज्ञान में लिया गया है और मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस के अनुसार, संबंधित लोगों से पूछताछ की जाएगी और आरोपों की सत्यता की जांच के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
यह मामला एक बार फिर पारिवारिक विवादों और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
अगर शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई की जाती, तो शायद स्थिति इतनी भयावह न होती।
अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी और पारदर्शिता से जांच करती है।
