– धीरेंद्र शास्त्री के संदेश संग हिंदू महासभा की पहल, ध्वज भेंट लेने से जामा मस्जिद ने किया इंकार
– तिरंगे पर सियासत: मंदिर–गुरुद्वारा–चर्च ने स्वीकारा, जामा मस्जिद का दरवाज़ा रहा बंद

आगरा। कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री के सनातन और राष्ट्रधर्म को आगे बढ़ाने के आह्वान पर अखिल भारत हिंदू महासभा ने सोमवार को शहर में एक अनूठी पहल की। महासभा की जिला अध्यक्ष मीरा राठौर ने शहर के विभिन्न धर्मगुरुओं को राष्ट्रीय ध्वज और धीरेंद्र शास्त्री का संदेश भेंट किया।
सबसे पहले मनकामेश्वर नाथ मंदिर के महंत योगेश पुरी, उसके बाद गुरुद्वारा गुरु का ताल के बाबा प्रीतम सिंह और प्रतापपुरा स्थित सेंट मैरी चर्च के फादर डेविड ने राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया और धार्मिक स्थलों पर इसे सम्मानपूर्वक फहराने का आश्वासन दिया। लेकिन जब यह काफिला जामा मस्जिद की ओर बढ़ा तो तनाव का माहौल दिखाई दिया। पुलिस ने पूरे रास्ते पर भारी फोर्स तैनात कर सुरक्षा का घेरा बना दिया। जामा मस्जिद पहुंचने पर पता चला कि मुख्य द्वार पहले से बंद किया जा चुका था। इससे पहले ही मीरा राठौर स्पष्ट कर चुकी थीं कि उनका उद्देश्य विवाद खड़ा करना नहीं बल्कि राष्ट्रीय ध्वज भेंट करना है।

मीरा राठौर ने सवाल दागते हुए कहा, “जब हर नागरिक को तिरंगा फहराने का संवैधानिक अधिकार है तो धार्मिक स्थलों पर क्यों नहीं? महंत, बाबा और फादर राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार कर उसे लगाने की सहमति दे सकते हैं तो आखिर जमा़ मस्जिद पर तिरंगे से परहेज़ क्यों?”
उन्होंने इमाम द्वारा ध्वज और संदेश स्वीकार न करने को लेकर नाराज़गी जताई और कहा कि इससे उनकी राष्ट्रभक्ति पर ही प्रश्नचिन्ह लग जाता है। राठौर ने पूछा, “हम जब मंदिर, गुरुद्वारा या चर्च गए तो पुलिस बल क्यों नहीं था? और मस्जिद के बाहर शहर को छावनी में क्यों बदल दिया गया?”
धीरेंद्र शास्त्री के संदेश को पहुँचाने की यह कोशिश जहां धार्मिक सद्भाव का संदेश देने की मंशा से सामने आई, वहीं जामा मस्जिद पर ध्वज भेंट को लेकर हुए टकराव ने शहर की राजनीति और साम्प्रदायिक रिश्तों में नई बहस छेड़ दी है।
