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लेडी लायल अस्पताल में ‘व्यवस्थाओं’ का हाल बेहाल! महिला आयोग अध्यक्ष ने जताई कड़ी नाराज़गी, खुद लगवाए 4 कूलर

Sumit Garg
4 Min Read
लेडी लायल अस्पताल में 'व्यवस्थाओं' का हाल बेहाल! महिला आयोग अध्यक्ष ने जताई कड़ी नाराज़गी, खुद लगवाए 4 कूलर

आगरा: भीषण गर्मी और बदहाल व्यवस्थाओं के बीच आगरा के लेडी लायल अस्पताल में मरीज बेहाल हैं, जबकि अस्पताल प्रशासन पर आँखें मूँदे रहने का आरोप है। शनिवार, 14 जून 2025 को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान ने जब अचानक अस्पताल का निरीक्षण किया, तो खामियों की एक लंबी फेहरिस्त सामने आई। इस दौरान उन्होंने अपनी ओर से लेडी लायल अस्पताल में चार कूलर लगवाने की घोषणा भी की।

टूटे टॉयलेट, खराब लिफ्ट और बंद कूलर: दो महीने बाद भी हालात वही

डॉ. बबिता सिंह चौहान को निरीक्षण के दौरान वार्डों में कूलर काम करते नहीं मिले। एक कूलर तो ऐसा मिला, जो सिर्फ शोपीस था और उसमें पानी की मोटर तक नहीं जुड़ी थी। अस्पताल परिसर में टॉयलेट के दरवाजे टूटे मिले और लिफ्ट भी खराब पड़ी थी। डॉ. चौहान ने सीएमएस डॉ. रचना गुप्ता से इन सारी अव्यवस्थाओं पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने पूछा कि उन्हें दो महीने पहले भी यही खामियां मिली थीं, और दो महीने बाद भी हालात जस के तस क्यों हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या आपको अब तक इन्हें सुधारने का मौका नहीं मिला?”

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मरीजों की शिकायतें और स्टाफ पर गंभीर आरोप

महिला मरीजों ने डॉ. चौहान से शिकायत की कि डॉक्टर राउंड पर नहीं आतीं। डॉ. बबिता सिंह चौहान ने महिला मरीजों से विशेष रूप से यह जानकारी ली कि क्या बच्चे के जन्म के समय स्टाफ की ओर से पैसे की मांग की जाती है। इस पर उन्हें बताया गया कि लड़की पैदा होने पर ₹1100 और लड़का पैदा होने पर ₹2100 लिए जाते हैं, जिस पर डॉ. चौहान ने गहरा दुख व्यक्त किया। तीमारदारों ने अस्पताल परिसर में बंदरों की समस्या भी उनके सामने रखी।

अस्पताल प्रबंधन को चेतावनी और खुद पहल

डॉ. चौहान ने अस्पताल प्रबंधन को सख्त चेतावनी दी कि मरीजों की सेहत और सुविधाओं से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जल्द से जल्द व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

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बाद में पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. बबिता सिंह चौहान ने कहा, “मुझे अस्पताल में कुछ भी ठीक नहीं मिला। मैंने अस्पताल प्रबंधन से कहा है कि आप मुझे बताइए कि कितने एसी और कूलर लगने हैं अथवा पानी का प्रबंध करना है। मैं ये काम कराऊंगी सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से।” उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा, “लेकिन ये लोग न तो खुद कुछ करना चाहते हैं और न ही करने देना चाहते हैं।” उन्होंने याद दिलाया कि दो महीने पहले जब वह निरीक्षण करने आई थीं, तभी अस्पताल प्रबंधन से कहा था कि गर्मियां आ रही हैं, कूलर, एसी और वाटर कूलर दुरुस्त करा लें, लेकिन दो महीने बाद भी स्थिति वैसी ही मिली।

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अस्पताल प्रबंधन से बातचीत के दौरान जब उन्हें बताया गया कि अस्पताल में चार कूलरों की आवश्यकता है, तो डॉ. चौहान ने अपनी ओर से ये चार कूलर जल्द भिजवाने का वायदा किया। उन्होंने कहा कि लोगों के लगातार फोन आने के बाद उन्हें दोबारा यह निरीक्षण करना पड़ा।

 

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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